RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कोरोना संकट में प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलाने पर दिया जोर
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कोरोना वायरस संकट में बेरोजगार हुए लोगों को नौकरी ना मिलने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अब मजदूरों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने पर काम करना होगा। दरअसल, आरएसएस प्रमुख ने कानपुर प्रवास के पहले दिन कानपुर प्रांत प्रचारकों के साथ कोरोना कालखंड में हुए कार्यों और भविष्य के सेवाकार्यों पर चर्चा की। इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने लॉकडाउन के दौरान कानपुर में किए गए सेवा कार्यों की सराहना भी की।
मोहन भागवत बोले, कोरोना वायरस महामारी के बीच कई सामाजिक संगठनों, मठ-मंदिर और गुरुद्वारों ने भी बेहतर कार्य किया। लॉकडाउन के दौरान बहुत बड़ी सामाजिक शक्ति उभरकर सामने आई है, स्वयंसेवकों को ऐसी शक्तियों से संपर्क करना चाहिए। अभी बाहर से आए मजदूरों को नौकरी नहीं मिली है, हमें उनके रोजगार का इंतजाम करना होगा। बता दें कि गुरुवार को संघ प्रमुख ने सिविल लाइंस स्थित क्षेत्र प्रचारक वीरेंद्रजीत सिंह के आवास पर स्वयंसेवकों के व्यक्तिगत रूप से किए गए प्रेरणादायी कार्यों के बारे में भी जानकारी ली।
कोरोना
काल
में
मनरेगा
मजदूरों
में
रिकॉर्ड
उछाल
इस
दौरान
कोरोनावायरस
प्रेरित
लॉकडाउन
से
तबाह
हुई
अर्थव्यवस्था
के
बीच
शहर
छोड़ने
को
मजबूर
हुए
प्रवासी
मजदूरों
की
बेरोजगारी
को
मनरेगा
के
तहत
भारी
संख्या
में
रोजगार
मिला
है।
इसकी
तस्दीक
करती
है
ताजा
रिपोर्ट,
जिसमें
कहा
गया
है
कि
अप्रैल
से
अब
तक
करीब
83
लाख
नए
नरेगा
कार्ड
बने
है,
जो
पिछले
7
वर्षों
में
नरेगा
मजदूरों
में
बड़ी
उछाल
है।
गौरतलब
है
कोरोना
महामारी
के
काल
में
तेजी
से
बढ़ी
बेरोजगारी
खासकर
प्रवासी
मजदूरों
का
बुरा
हाल
कर
दिया।
ऐसे
में
मनरेगा
उनके
लिए
वरदान
साबित
हुआ
है।
चालू
वित्त
वर्ष
के
पहले
पांच
महीनों
के
दौरान
इस
योजना
के
तहत
83
लाख
से
अधिक
नए
परिवारों
को
जॉब
कार्ड
जारी
किए
गए
हैं।
यानी
1
अप्रैल
से
3
सितंबर
के
बीच
मनरेगा
मजदूरों
में
रिकॉर्ड
संख्या
में
वृद्धि
वृद्धि
हुई
है।
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