तो मोहन भागवत करेंगे कोढ़ मरीजों की सेवा
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत कोढ़ तथा एड्स से पीड़ित लोगों की सेवा करेंगे ? सरसंघचालक मोहन भागवत के भारतरत्न मदर टेरेसा को लेकर दिए गए बयान पर विभिन्न राजनीतिक दलों और ईसाई संगठनों ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि वह पिछले सप्ताह अपने कहे शब्दों को लेकर गंभीरता दिखाएं।
इसके साथ ही द इंडियन क्रिश्चियन वॉइस (आईसीवी) के प्रमुख अब्राहम मथाई ने आरएसएस प्रमुख से गुहार लगाई कि वह पहले कोढ़, एड्स से पीड़ित लोगों की सेवा करें, गरीबों की मदद करें, तब कोई बयान दें। आईसीवी ने मोहन भागवत के बयान को उन सभी लोगों को अपमानित करने वाला बताया जो गरीबों के लिए काम करते हैं। आईसीवी ने प्रधानमंत्री मोदी से भी आग्रह किया है कि वह भागवत के बयान की भर्त्सना करें।
बर्दाश्त नहीं करेंगे
मोदी ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह धार्मिक द्वेष उकसाने के मामलों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मदर एक महान इंसान थीं, कम से कम उन्हें बख्श दिया जाना चाहिए। कुष्ठ रोगियों की आजीवन सेवा कर विश्व में मिसाल पेश करने वाली मदर टेरेसा शांति के नोबेल पुरस्कार और भारतरत्न दोनों से सम्मानित थीं।
धर्मातरण कराना मकसद
भागवत ने विगत दिनों राजस्थान के भरतपुर में एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के कार्यक्रम के दौरान कहा था कि मदर टेरेसा के गरीबों के लिए किए जाने वाले काम का लक्ष्य उनका धर्मातरण कराना था। पल्ला झाड़ा संघ से जुड़े होने पर गर्व होने की बात कहने वाले संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा, "सरकार का ऐसे बयान से कुछ लेना-देना नहीं है। किसी भी संगठन को संसद से बाहर अपनी बात कहने का अधिकार है।"
मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने भागवत को उनके बयान को लेकर अशिक्षित बताया। वहीं डॉयोसिस ऑफ कोलकाता ने भी उनके बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। दिल्ली कैथोलिक ऑर्कडॉयोसिस ने कहा कि ईसाई समुदाय संघ प्रमुख द्वारा मदर टेरेसा पर दिए गए बयान से सदमे में है। उधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भागवत के बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह बयान किसी विकृत मन की पक्षपातपूर्ण मानसिकता को दर्शाता है।