सोनिया गांधी ने 20 लाख करोड़ के पैकेज को बताया 'क्रूर मजाक', कहा-सारी शक्तियां PMO तक सीमित
नई दिल्ली। कोरोना संकट से उपजे हालातों पर आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 22 विपक्षी दलों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। बैठक की शुरुआत में चक्रवाती तूफान अम्फान में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि, सभी बड़े अर्थशास्त्रियों ने कहा कि बड़े फिस्कल स्टिमुलस की जरूरत है। पीएम ने20 लाख करोड़ के पैकेज का जो ऐलान किया और वित्त मंत्री ने 5 दिन में उसे समझाया, यह एक क्रूर मजाक बन गया है।
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शुक्रवार को हुई बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि, सरकार लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों को लेकर असमंजस में है। सरकार ने लॉकडाउन से निकलने की कोई रणनीति तैयार की है। उन्होंने पीएमओ पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि, सरकार ने खुद के लोकतांत्रिक होने का दिखावा करना भी छोड़ दिया है। सारी शक्तियां पीएमओ तक सीमित हो गई हैं।संघवाद की भावना जो हमारे संविधान का अभिन्न भाग है, उसे भूला दिया गया है। इसका कोई संकेत नहीं है कि संसद के दोनों सदनों या स्थायी समितियों की बैठक कब बुलाई जाएगी।
सोनिया गांधी ने कहा कि, इस महामारी की असल तस्वीर सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा कर रहे लाखों प्रवासी मजदूर और उनके बच्चे बयां कर रहे हैं जो बिना पैसे, भोजन या दवाओं के चल रहे हैं और सिर्फ अपने घर जाना चाहते हैं। गांधी ने कहा, प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा के अलावा, जिन क्रूरता की अनदेखी की गई है, उनमें आधी आबादी के निचले हिस्से में 13 करोड़ परिवार शामिल हैं। जिनमें किरायेदार किसान और भूमिहीन कृषि श्रमिक, सेवानिवृत्त श्रमिक और कर्मचारीस दुकानदारों एवं स्वरोजगार; 6.3 करोड़ में से 5.8 करोड़ एमएसएमई।
सोनिया गांधी ने कहा, कई जानेमाने अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया है कि 2020-21 में हमारे देश की विकास दर -5 प्रतिशत हो सकती है। इसके नतीजे भयावह होंगे। सरकार कोरोना को रोकने के हर मोर्चे पर फेल रही है। सोनिया ने कहा, मौजूदा सरकार के पास कोई समाधान नहीं होना चिंता की बात है, लेकिन उसके पास गरीबों एवं कमजोर वर्ग के लोगों के प्रति करूणा का नहीं होना हृदयविदारक बात है।
इस बैठक में देश के 22 विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया है। रणदीप सुरजेवाला ने एक और ट्वीट में बताया कि बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, सीताराम येचुरी और द्रमुक नेता एमके स्तालिन, राजद नेता तेजस्वी यादव, नेकां के उमर अब्दुल्ला आदि विपक्षी नेता बैठक में शामिल हुए।
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