जिस बाहुबली नेता का तेजप्रताप ने किया स्वागत, वो तेजस्वी को RJD में मंजूर नहीं
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नई दिल्ली। बिहार की सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। लगातार लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव और उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव के बीच मनमुटाव जैसी खबरें सामने आ रही हैं। पार्टी भले ही दोनों भाई के बीच टकराव से इंकार करती रही हो लेकिन मोकामा के विधायक अनंत सिंह के बहाने दोनों भाई के बीच के मतभेद एक बार फिर से सामने आ गए हैं। बता दें कि, पत्नी ऐश्वर्या से तलाक के अर्जी देने के बाद दो महीनों तक घर से बाहर रहे तेजप्रताप वापस बिहार लौटते ही राजनीति में काफी सक्रिय दिख रहे हैं। वे लगातार पार्टी के मुख्यालय में जनता दरबार लगा रहे हैं।
तेजप्रताप यादव ने अनंत सिंह के बयान का समर्थन किया था
अनंत सिंह ने गुरुवार को ही लालू यादव को बिहार का सबसे बडा जनाधार वाला नेता बताया था। उन्होंने बीते दिनों कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह से भी मुलाकात की थी। अनंत सिंह ने इच्छा जाहिर की थी कि अगर उन्हें महागठबंधन में शामिल होने का मौका मिलेगा तो वे जरूर शामिल होंगे। तेजप्रताप यादव ने अनंत सिंह के बयान का समर्थन करते हुए अपने पिता की तारीफ की थी। साथ ही उन्होंने कहा था विधायक अनंत सिंह अगर महागठबन्धन में आना चाहें तो वो आ सकते हैं, आरजेडी उनका स्वागत करेगी। तेजप्रताप यादव ने कहा था कि राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता ये बात सभी जानते हैं।
तेजस्वी यादव ने अनंत सिंह को बताया 'बैड एलिमेंट'
इसके बाद अनंत देव ने बिहार में होने वाले महागठबंधन में मुंगेर सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की थी। इसके बाद अगले दिन शुक्रवार को बिहार विधानसभा में नेता विरोधी दल व राजद नेता तेजस्वी यादव ने दो टूक कह दिया कि अनंत सिंह जैसे 'बैड एलिमेंट' के लिए महागठबंधन में कोई जगह नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि किसी के कुछ बोलने का फर्क नहीं है, अनंत सिंह जैसे लोगों की विचारधारा के लिए हमारे यहां कोई जगह नहीं है। माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव ने अपने बड़े भाई तेजप्रताप यादव और बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी को सख्त संदेश दिया है।
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तेजप्रताप राजनीति में फिर हुए सक्रिय
तेजस्वी यादव के इस बयान से जहां अनंत सिंह की मुंगेर से चुनाव लड़ने की संभावनाएं धूमिल हो गई हैं। वहीं दूसरी ओर दोनों भाई के बीच के मतभेद एक बार फिर से जनता की बीच खुलकर सामने आ गए हैं। राजनीतिक तौर पर पार्टी और परिवार में हाशिए पर चल रहे तेजप्रताप ने अचानक पार्टी के भीतर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। तेजप्रताप पटना के राजद कार्यालय में लगातार जनता दरबार लगा रहे हैं। वह लालू यादव के अंदाज में लगातार जनता दरबार लगा रहे हैं। लालू के अंदाज में ही वह लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं। हालांकि वे बार-बार तेजस्वी को ही अपना नेता बता रहे हैं।
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