नौसेना के बेड़े से जल्द जुड़ेंगे 24 'रोमियो' हेलीकॉप्टर, 2.6 अरब डॉलर डील पर डोनाल्ड ट्रंप लगाएंगे मुहर!
बेंगलुरू। पनडुब्बियों और पोतों पर अचूक निशाना साधने में सक्षम अमेरिकी एमएच 60 सी हॉक हेलीकॉप्टर (MH-60 Romeo Helicopter), जिसे रोमियो कहा जाता है जल्द भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होने जा रही है। भारत सरकार ने अमेरिकी नौसेना में एंटी-सबमरीन और एंटी-सरफेस वेपन के रूप में तैनात ऐसे 24 रोमियो हेलीकॉप्टर की डील पर मुहर लगा दी हैं, जिसको बेचने की मंजूरी अमेरिका ने पिछले वर्ष ही दे दी थी। सरकार ने यह मंजूरी भारतीय रक्षा बलों को सतह रोधी और पनडुब्बी रोधी युद्ध मिशन को सफलता से अंजाम देने के लिए दी है।
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गौरतलब है दुश्मन के जंगी जहाजों को ट्रैक कर उनके हमलों को रोकने के लिए परिष्कृत लड़ाकू प्रणालियों से लैस रोमियो हेलीकॉप्टर एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टर को अमेरिका के अलावा दुनिया भर की कई नौसेनाओं द्वारा प्रयोग किया जाता है। इनमें ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, डेनमार्क, दक्षिण कोरिया, ट्यूनिशिया, कतर, सऊदी अरब, इस्राइल, मलयेशिया और मैक्सिको की नौसेना शामिल हैं। सेंसर, मिसाइल और टॉरपीडो से लैस रोमियो हेलीकॉप्टर का यह सौदा भारत के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि चीन तेजी से हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी पैठ मजबूत कर रहा है।
हिंद महासागर में चीन की बढ़ती पैठ भारत के लिए खतरा बन रही है, क्योंकि भारत को घेरने के लिए चीन पहले से ही पड़ोसी देशों में अपनी पकड़ मजबूत कर चुका है। यह काम चीन विकास के नाम पर रहा है और उसने अब तक भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका समेत सभी एशियाई देशों को अपने कर्ज के जाल में फंसाकर अपना बेस तैयार कर लिया है।
एशिया के शक्तिशाली देशों शुमार चीन समुद्र में भी यही नीति अपना रहा है, जिससे निपटने के लिए भारतीय नौसेना पिछले कई वर्षों से रोमियो हेलीकॉप्टर को बेड़े में शामिल करने के मांग करती आई थी, जिसे अब जाकर करीब 3 वर्षों बाद मंजूरी मिल सकी है।
लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित एमएच-60 रोमियो में दोहरा नियंत्रण प्रणाली मौजूद है, जिसे उड़ाने के लिए दो पायलटों की जरूरत होती है। कहा जाता है कि इसके कॉकपिट में बैठे पायलट रात के घने अंधेरे में भी अपने लक्ष्य को बखूबी देख सकते हैं। इस हेलीकॉप्टर में चार से पांच केबिन क्रू के साथ पांच यात्री भी बैठ सकते हैं, जिसके केबिन की लंबाई 3.2 मीटर और चौड़ाई 1.8 मीटर और ऊंचाई 1.3 मीटर है।
जल्द ही भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होने वाली एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टर नौसेना के मौजूदा बेड़े की सबसे आधुनिक तकनीकी वाली हेलीकॉप्टर हो जाएगी, क्योंकि इस हेलीकॉप्टर को जंगी जहाज, क्रूजर्स और एयरक्राफ्ट कैरियर से भी ऑपरेट किया जा सकेगा।
उल्लेखनीय है केंद्र की मोदी सरकार ने रोमियो हेलीकॉप्टर को मंजूरी देना का बड़ा फैसला तब किया है जब दो दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दो दिवसीय भारत दौरे पर आ रहे हैं। भारतीय नौसेना के बेड़े के लिए मोदी सरकार ने कुल 24 एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टर खरीदने की अनुमति प्रदान की है।
रोमियो हेलीकॉप्टर से न सिर्फ भारतीय नौसेना की ताकत में बड़ा इजाफा होगा और बल्कि इससे भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को भी नया आयाम मिलेगा। अमेरिका के साथ रोमियो हेलीकॉप्टर खरीद का यह सौदा 2.6 अरब डॉलर (करीब 18,600 करोड़ रुपए) में किया गया है। माना जा रहा है कि आगामी 25 फरवरी को ट्रंप की यात्रा के दौरान डील पर हस्ताक्षर हो सकता है।
हालांकि रोमियो हेलीकॉप्टर के अलावा अमेरिका से 1.86 अरब डॉलर (करीब 13,300 करोड़ रुपए) का मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई थी, लेकिनअभी उसे मंजूरी नहीं मिली है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बैठक में गुरूवार को रोमियो हेलीकॉप्टर की डील को मंजूरी दी गई।
मालूम हो, भारत को हेलीकॉप्टर बेचने के प्रस्ताव को अमेरिका ने पिछले साल अप्रैल में मंजूरी दी थी। रोमियो हेलीकॉप्टरों के आने से भारतीय नौसेना की एंटी-सर्फेस और एंटी-सबमरीन वारफेयर ऑपरेशंस को ताकत मिलेगी, जिन्हें पनडुब्बियों को मार गिराने की क्षमता के हिसाब से तैयार किया गया है।
माना जा रहा है कि भारतीय नौसेना में 'रोमियो' हेलीकॉप्टर के शामिल होने की खबर से चीन की चिंताएं जरूर बढ़ी गई हैं। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के रवैये को देखते हुए भारतीय नेवी को इसकी जरूरत थी, जिसकी मांग भारतीय नौसेना एक दशक से कर रही थी, लेकिन इस सौदे में तेजी गत वर्ष अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सिंगापुर में हुई बैठक के बाद आई।
एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय नौसेना के लिए 24 हेलीकॉप्टर की तुरंत जरूरत को ध्यान में रखते हुए भारत ने अमेरिका से रोमियो हेलीकॉप्टर देने का अनुरोध किया था। अनुरोध इसलिए, क्योंकि भारत नाटो का सदस्य नहीं है और भारत को रोमियो हेलीकॉप्टर बेचने के लिए अमेरिका को भी विशेष मंजूरी की जरूरत थी।
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हिंद महासागर पर चीन की पैठ को देखते हुए महत्वपूर्ण है यह सौदा
यह सौदा भारत के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन तेजी से हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी पैठ मजबूत करता जा रहा है। चीन की बढ़ती पैठ भारत के लिए खतरा बन रही है। भारत को घेरने के लिए चीन पहले से ही पड़ोसी देशों में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। वह विकास के नाम पर पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका आदि देशों को कर्ज के जाल में फंसा रहा है। चीन समुद्र में भी यही नीति अपना रहा है।
हिंद महासागर में चीनी नौसेना के बढ़ते दखल को रोकने में मिलेगी मदद
इन हेलीकॉप्टरों के भारतीय नौसेना में शामिल होते ही हिंद महासागर में चीनी नौसेना के बढ़ते दखल पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा नौसेना की पुराने होते सी किंग हेलीकॉप्टर बेड़े को इससे मदद मिलेगी। रोमियो हेलीकॉप्टरों से भारतीय फौजों की एंटी-सरफेस (जमीन) और एंटी-सबमरीन सुरक्षा क्षमता में बढ़ोतरी होगी।
रोमियो के नौसेना में शामिल होने से बढ़ जाएगी देश की सामरिक ताकत!
रोमियो हेलीकॉप्टर के भारतीय नौसेना में शामिल होने से देश की सामरिक ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। इस वक्त नौसेना ब्रिटिश सी किंग हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल कर रही है और डील की मंजूरी के मिलने वाले सभी 24 रोमियो हेलीकॉप्टर उन्हीं की जगह लेंगे।
जंगी जहाज, क्रूजर्स व एयरक्राफ्ट कैरियर से किया जा सकेगा ऑपरेट
एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टर नौसेना की मौजूदा बेड़े में से सबसे आधुनिक तकनीकी से लैस होंगे। इस हेलीकॉप्टर को जंगी जहाज, क्रूजर्स और एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेट किया जा सकता है। यह हेलीकॉप्टर एंटी-सबमरीन के अलावा निगरानी, सूचना, मालवाहक, निजी वाहन, खोज और बचाव, गनफायर और लॉजिस्टिक सपोर्ट में कारगर है।
दुश्मन की पनडुब्बियों और युद्धपोतों का काल है रोमियो हेलीकॉप्टर
लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित एमएच-60 रोमियो सी हॉक हेलीकॉप्टर पनडुब्बियों और पोतों पर अचूक निशाना साधने में सक्षम हैं। यह हेलीकॉप्टर समुद्र में तलाश एवं बचाव कार्यों में भी उपयोगी हैं। इसे दुश्मन के जंगी जहाजों को ट्रैक कर उनके हमलों को रोकने के लिए परिष्कृत लड़ाकू प्रणालियों- सेंसर, मिसाइल और टॉरपीडो से लैस हैं।
रात के घने अंधेरे में भी उड़ान भरने में सक्षम होग रोमियो हेलीकॉप्टर
एमएच 60 हेलीकॉप्टर में दोहरा नियंत्रण प्रणाली मौजूद है। इसे उड़ाने के लिए दो पायलटों की जरूरत होती है। इसके कॉकपिट में बैठे पायलट रात के घने अंधेरे में भी अपने लक्ष्य को बखूबी देख सकते हैं। रोमियो हेलीकॉप्टर अमेरिकी नौसेना में एंटी-सबमरीन और एंटी-सरफेस वेपन के रूप में तैनात हैं। ये हेलीकॉप्टर भारतीय रक्षा बलों को सतह रोधी और पनडुब्बी रोधी युद्ध मिशन को सफलता से अंजाम देने में सक्षम बनाएंगे।
अत्याधुनिक हथियारों से लैस रोमियो में कुल 9 लोगों की बैठने की जगह
एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टर कई अलग-अलग तरह के हथियारों से लैस हो सकता है। इसमें हथियारों को लगाने के लिए चार प्वाइंट्स दिए गए हैं। जिसमें लॉकहीड मार्टिन की एजीएम-114 हेलफायर एंटी-सरफेस मिसाइल लगाया जा सकता है। इस हेलीकॉप्टर में चार से पांच केबिन क्रू के साथ पांच यात्री भी बैठ सकते हैं। इसके केबिन की लंबाई 3.2 मीटर और चौड़ाई 1.8 मीटर और ऊंचाई 1.3 मीटर है।
दुनिया भर की कई नौसेनाओं में तैनात है रोमियो हेलीकॉप्टर
एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टर को अमेरिका के अलावा दुनिया भर की कई नौसेनाओं द्वारा प्रयोग किया जाता है। इनमें ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, डेनमार्क, दक्षिण कोरिया, ट्यूनिशिया, कतर, सऊदी अरब, इस्राइल, मलयेशिया और मैक्सिको की नौसेना शामिल हैं, जिसमें पनडुब्बियों को निशाना बनाने के लिए इसमें पनडुब्बीरोधी एकेटी एमके 50 या एमके 46 एक्टिव/पैसिव टॉरपीडो को लॉन्च कर सकता है। अपनी सुरक्षा के लिए इसमें 7.62 एमएम की मशीनगन को भी लगाया जा सकता है।