रोहिंग्या मुसलमानों की वजह से देश का एक और विभाजन होगा, बोले संघ के पूर्व प्रचारक
रोहिंग्या मुसलमानों की वजह से देश का एक और विभाजन होगा, बोले संघ के पूर्व प्रचारक
नई दिल्ली। रोहिंग्या मुसलमानों को भारत से वापस भेजे जाने की मांग को लेकर पूर्व संघ विचारक केएन गोविंदाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। गोविंदाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर रोहिंग्या मुसलमानों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए उन्हें वापस भेजने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ये समुदाय भारत मे एक और बंटवारे की वजह बन सकते हैं।
रोहिंग्या मुसलमान राष्ट्रीय संसाधनों पर बोझ
गोविन्दाचार्य ने याचिका में कहा है कि रोहिंग्या देश के संसाधनों पर बोझ हैं, भारत पहले ही बढ़ती जनसंख्या का सामना कर रहा है। ऐसे में देश में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान कर उन्हें वापस भेजा जाए। याचिका में कहा गया है कि रोहिंग्या केंद्र सरकार से मूलभूत सुविधाएं देने की मांग कर रहे हैं ये भारतीयों के जीवन के मौलिक अधिकार का हनन है।
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अल-कायदा करता है रोहिंग्या मुस्लिमों का इस्तेमाल
याचिका में कहा गया है कि पहले ही इस तरह की बातें सामने आई हैं कि अलकायदा जैसे आतंकी संघगठन रोहिंग्या मुस्लिमों को बरगलाकर आपने लिए इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में इनका देश में रहना खतरनाक हो सकता है और ये आगे चलकर देश के बंटवारे की वजह हो सकता है। म्यामांर में सेना के हमलों के चलते रोहिंग्या मुसलमान भारत, बांग्लादेश और दूसरे देशों में शरण के लिए आ रहे हैं।
रोहिंग्या मुसलमानों ने की है वापस भेजे जाने के आदेश पर रोक की मांग
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी भेजी है कि वे गैरकानूनी रूप से रह रहे रोहिंग्या की पहचान कर उन्हें वापस भेजें। इसको लेकर दो रहिंग्या शरणार्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर उन्हें वापस भेजे जाने के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने अपनी अर्जी में स्वयं को शरणार्थी बताते हुए वापस भेजना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार नियमों का उल्लंघन बताया है। इसी को लेकर गोविंदाचार्य ने याचिका दायर की है।