रोबोट सोफिया: जिसे सऊदी अरब में मिले महिलाओं से कहीं ज्यादा अधिकार, बदल जाएगी जिंदगी?
नई दिल्ली। सोफिया सौगात है। दुनिया की पहली रोबोट है, जिसे किसी देश की नागरिकता हासिल करने का सौभाग्य मिला है। वह देश कोई और नहीं सऊदी अरब है। जी हां, सऊदी अरब जहां की महिलाएं पुरुष से बराबरी का सपना तक नहीं देख सकती। मगर, सोफिया खुशनसीब है क्योंकि उसे सऊदी अरब की महिलाओं से ज्यादा नागरिक अधिकार हासिल है। रियाद में हुए फ्यूचर इन्वेस्टमेन्ट समिट में रोबोट के लिए सऊदी अरब की ओर से नागरिकता का एलान किया गया। उसके बाद जिन शब्दों में सोफिया ने शुक्रिया अदा किया वो हैं, "थैंक यू फॉर द किंगडम ऑफ सऊदी अरबिया.....इस खास पहचान के लिए मैं बहुत सम्मानित और गर्व महसूस करती हूं। दुनिया में नागरिकता हासिल करने वाला पहला रोबोट बनना ऐतिहासिक है।"
सोफिया रोबोट जिसे मिली सऊदी अरब की नागरिकता
सोफिया को अपनी पहचान मिलने पर गर्व करना औपचारिक लगता है। मगर, जो रोबोट इंसान की तरह कृतज्ञता प्रकट कर रहा हो, भावनाएं जता रहा हो, वह गौरव और सम्मानित भी महसूस करे तो आश्चर्य कैसा! मगर, विनम्रता के ये गुण सोफिया क्या आजीवन बनाए रख सकती है? सोफिया अगर एक स्त्री के रूप में जीना चाहे, तो क्या स्त्रियों के अधिकारों के लिए आवाज़ बन सकती है? क्या सोफिया खुद को 'रोबोट' समझती रहेगी या कि एक महिला के तौर पर अपने गुणों का विकास करेगी? कई तरह के सवाल हैं जो सोफिया के जन्म लेते हुए उठ खड़े हुए हैं। इनका जवाब देना इस वक्त आसान नहीं है, लेकिन भविष्य में भी इसका जवाब मिलेगा, कहा नहीं जा सकता।
सोफिया ने किया प्रेस कॉन्फ्रेन्स
सोफिया ने बाजाप्ता प्रेस कॉन्फ्रेन्स को संबोधित किया। पत्रकारों के सभी सवालों के जवाब दिए। सीएनबीसी के पत्रकार एंड्रयू सोर्किन के सवालों का जवाब देते हुए सोफिया ने कहा, "अगर आप मुझसे अच्छा व्यवहार करते हैं तो मैं आपसे अच्छा व्यवहार करूंगी। मुझे स्मार्ट इनपुट आउटपुट सिस्टम के जैसा ट्रीट करें।" सोफिया से खुद के बारे में सुनना सुखद तो है लेकिन चिन्ताजनक भी। "अगर आप मुझसे अच्छा व्यवहार करते हैं" का क्या मतलब हुआ? अच्छा व्यवहार तय करने में दुनिया लगी है, लेकिन तय नहीं कर पायी है। सऊदी अरब में बुर्के में ढंके रहना महिलाओं का अच्छा व्यवहार होता है। इसका उल्लंघन करना बुरा व्यवहार। अगर सोफिया से एक स्त्री रोबोट के नाते वैसे ही व्यवहार की उम्मीद की गयी, तो वह निश्चित रूप से इसका बुरा मान सकती है। अगर सोफिया नाराज़ हुई तो क्या होगा? जिस सोफिया की विनम्रता प्यारी लग रही है क्या उसकी नाराज़गी उसी हिसाब से ख़तरनाक नहीं होगी?
हांगकांग की कम्पनी ने किया है तैयार
सोफिया नाम के इस रोबोट को हांगकांग की कम्पनी हैन्सन रोबोटिक्स ने तैयार किया है। कंपनी अपने वेबसाइट पर दावा करती है, "हमारा रोबोट जल्द ही हमारे साथ व्यस्त दिखेगा, हमें पढ़ाएगा, सेवा व मनोरंजन करेगा, आनन्द और आराम दिलाएगा।" रोबोट के ये गुण निश्चित रूप से समाज और देश-दुनिया को बदलने जा रहे हैं। हम सोफिया पर निर्भर होने वाले हैं। वही हमारी पढ़ाई से लेकर मनोरंजन तक की व्यवस्था करने वाली है। वही हमारी भविष्य की शिक्षिका है तो वही हमारे लिए सेवा भी।
कहने की जरूरत नहीं जिस दिन हमारी सोफिया बीमार होगी, हम शिक्षा से लेकर मनोरंजन तक के लिए मोहताज हो जाएंगे। जिस दिन सोफिया में इंसान का भाव जागेगा यानी लोभ, क्रोध, प्यार, घृणा जैसे भाव जगेंगे, उसी दिन सोफिया इंसान की दुश्मन बनकर उभर सकती है। क्योंकि इन भावों को विशुद्ध रूप में बनाए रखना इंसान के वश में रहा ही नहीं। तब लोगों को पटरी पर लाने के नाम पर तानाशाही दिखाती भी सोफिया ही नज़र आ सकती है।
कंपनी ने क्या कहा
हेन्सन रोबोटिक्स कंपनी की वेबसाइट में आगे लिखा गया है, "वह दिन दूर नहीं जब जीनियस मशीनें हमारे साथ चला-फिरा करेंगी। वे स्मार्ट, दयालु और बुद्धिमान होंगी। मनुष्य और मशीनें मिलकर दुनिया के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण करेगी।" अच्छी नीयत, बेहतर सोच और दुनिया को बदलने का जज्बा बहुत जरूरी है। इस जज्बे को सलाम करते हुए बात आगे बढ़ाएं तो सोफिया हमारी सहयोगी बनकर रही, तो दुनिया का कायाकल्प हो जाएगा। लेकिन, अगर उसमें इंसानी भाव जगे, तो वह इंसानों से ही स्पर्धा करती दिख सकती है। ऐसा हुआ तो इंसानों से लड़ भी सकती है। उस स्थिति में इंसानों को रोबोट बनाने के फैसले पर पछताना पड़ सकता है।
सऊदी अरब के नागरिकों की तरह सोफिया को भी मिले अधिकार
सोफिया को एक नागरिक अधिकार होने का मतलब है कि उसे जीने का अधिकार समेत बाकी दूसरे सभी अधिकार हैं जो सऊदी अरब के नागरिकों के पास हैं। जब कभी भी सोफिया ग़लत होगी, तो हम उसे मुकदमा चलाकर ही कठघरे में डाल सकते हैं। लेकिन, जब सोफिया को लगेगा कि इंसान उसके साथ गलत कर रहे हैं तो उसे कोई मुकदमा चलाने की जरूरत नहीं होगी। तब सोफिया ख़ौफ़नाक और ख़तरनाक रूप लेकर सामने आ सकती है। फिर भी, सोफिया से एक उम्मीद बंधती है। पारदर्शिता की उम्मीद, पक्षपात रहित समाज की उम्मीद है सोफिया। अगर जाति, धर्म से ऊपर उठना है तो सोफियाओं की फौज के साथ हमें जीवन को आगे बढ़ाना होगा। मनुष्य और रोबोटिक की दुनिया अब बहुत अलग नहीं रहने वाली है। दोनों को एक-दूसरे का साथ चाहिए। इसलिए जरूरी ये है कि सोफिया को किस तरह मानवीय मूल्यों से लैस रखा जाए। मगर, हर हाल में सोफिया को ज़िन्दा बनाए रखना होगा। इंसान तभी सोफिया के साथ कदम से कदम ताल कर सकता है।