रॉबर्ट वाड्रा की बड़ी आंत में ट्यूमर, इलाज के लिए लंदन जाने की मांगी इजाजत
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा जिनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है, उन्होंने कोर्ट से लंदन जाने की इजाजत मांगी है। उन्होंने कोर्ट में कहा है कि उनकी बड़ी आंत में ट्यूमर है, लिहाजा उन्हें इलाज के लिए लंदन जाने की जरूरत है। बता दें कि इससे पहले वाड्रा ने ईडी से अपील की थी कि उन्हें विदेश जाने की अनुमति दी जाए। जिसके बाद बुधवार को एक बार फिर से वाड्रा ने कोर्ट से अपील की है कि उनका पासपोर्ट वापस किया जाए, जिससे कि वह इलाज के लिए लंदन जा सके।
3 जून को होगी अगली सुनवाई
हालांकि दिल्ली कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और इसकी अगली सुनवाई 3 जून को होगी। इस सुनवाई के दौरान कोर्ट रॉबर्ट वाड्रा के विदेश जाने की याचिका पर सुनवाई कर सकती है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान वाड्रा ने अपनी मेडिकल रिपोर्ट भी पेश की है। यह मेडिकल रिपोर्ट दिल्ली के गंगाराम अस्पताल की है, जिसमे बताया गया है कि वाड्रा की बड़ी आंत में ट्यूमर है। बता दें कि यह सुनवाई सीबीआई की विशेष अदालत में हुई थी, जिसमे रॉबर्ट वाड्रा के वकील ने वाड्रा का पक्ष कोर्ट के सामने रखा था।
वाड्रा के वकील ने रखा पक्ष
रॉबर्ट वाड्रा के वकील केटीएस तुलसी ने कोर्ट में कहा कि वाड्रा हर जांच में हिस्सा ले रहे हैं और हर मौके पर जांच में सहयोग कर रहे हैं। वह जांच में हिस्सा लेने के लिए बिना किसी समन के भारत वापस आए थे। तुलसी ने कहा कि ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि वाड्रा जांच से बचने के लिए विदेश भागना चाहते हैं, लिहाजा उन्हें इलाज कराने के लिए विदेश जाने की इजाजत मिलनी चाहिए। वहीं वाड्रा के दावे का विरोध करते हुए ईडी ने कहा कि मेडिकल सर्टिफिकेट पर 13 मई की तारीख है, ऐसे में इस मेडिकल सर्टिफिकेट को पहले क्यों नहीं पेश किया गया।
ईडी ने मेडकिल सर्टिफिकेट पर उठाया सवाल
ईडी की ओर से वकील ने कहा कि आखिर क्यों मेडिकल सर्टिफिकेट में यह कहा गया है कि वह इलाज के लिए आगे की सलाह लंदन में लेंगे। वह कहीं से भी इस बाबत सलाह ले सकते हैं। इसमे ऐसा नहीं कहा गया है कि उनका इलाज भारत में उपलब्ध नहीं है। आखिर क्यों मेडिकल सर्टिफिकेट में यह लिखा है कि वह लंदन से ही आगे के इलाज के बारे में राय ले सकते हैं। बता दें कि वाड्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है, उन्हें 11 अप्रैल को कोर्ट की ओर से निर्देश दिया गया था कि वह बिना कोर्ट की इजाजत के देश से बाहर नहीं जा सकते हैं। इसके साथ ही कई अन्य शर्तों पर उन्हें अग्रिम जमानत दी गई थी।
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