वीर सावरकर के नाम से JNU में सड़क, छात्र बोले- यूनिवर्सिटी में इनकी जगह न थी, न होगी
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में सुबनसर हॉस्टल के समीप एक सड़क का नाम बदलकर वीर सावरकर मार्ग कर दिया गया है। जिसके बाद जेएनयू छात्र संघ की अधय्क्ष आइशी घोष ने इस पर आपत्ति जताई है। जेएनयूसू की अध्यक्ष आइशी घोष ने अपने ट्विटर हैंडल से इसकी एक तस्वीर शेयर की। आइशी घोष ने कहा है कि सुबनसीर हॉस्टल के तरफ जाने वाले रास्ते का नाम बदलकर वीडी सावरकर मार्ग रख दिया गया है। घोष ने इसको लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि जेएनयू की विरासत के लिए शर्म की बात है कि इस आदमी का नाम इस विश्वविद्यालय में रखा गया है। सावरकर और उनके लोगों के लिए विश्वविद्यालय के पास न कभी जगह थी और न ही कभी होगी।
क्या है मामला?
बताया जा रहा है कि जेएनयू एग्जिक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग में कुछ दिनों से इस पर चर्चा हो रही थी। बीते साल 13 नवंबर को इस का नाम वीडी सावरकर मार्ग रखने का फैसला लिया गया था। ये भी बताया जा रहा है कि उसी दौरान हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया था। हालांकि, मीटिंग में जेएनयू रोड को गुरु रविदास मार्ग, रानी अब्बाका मार्ग, अब्दुल हामिद मार्ग, महर्षि वाल्मिकि मार्ग, रानी झांसी मार्ग, वीर शिवाजी मार्ग, महाराणा प्रताप मार्ग और सरदार पटेल मार्ग नाम भी सुझाए गए थे। इन नामों पर विचार करने के बाद जेएनयू एग्जिक्यूटिव काउंसिल ने वीडी सावरकर मार्ग के नाम पर सहमति जताई।
It's a shame to the legacy of JNU that this man's name has been put in this university.
Never did the university had space for Savarkar and his stooges and never will it have !#RejectHindutva@ndtv @BhimArmyChief @RanaAyyub @SFI_CEC @ttindia @IndiaToday pic.twitter.com/Q81PSkkpzq
— Aishe (ঐশী) (@aishe_ghosh) March 15, 2020
एक ऐसा ही मामला दिल्ली यूनिवर्सिटी में पिछले साल अगस्त में सामने आया था। डीयू छात्र संघ अध्यक्ष शक्ति सिंह ने यूनिवर्सिटी प्रशासन की मंजूरी के वीर सावरकर, भगत सिंह और सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित कराई थी। इसे लेकर डीयू में हंगामा हो गया था। इसी क्रम में वाम संगठन ने वीर सावरकर को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया, जिसे पुलिस ने बंद कराने का प्रयास किया। इस पर छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हो गई और पुलिस ने वाम छात्र संगठन के दो छात्र नेताओं को हिरासत में ले लिया। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
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