तेजस्वी यादव ने कहा नीतीश कुमार के लिए गठबंधन के सारे दरवाजे बंद, बोले- गिरगिट......
नई दिल्ली- बिहार में आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने 'चाचा' मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तुलना 'गिरगिट' से कर दी है। उन्होंने ये भी कहा है कि अब नीतीश कुमार की जेडीयू के साथ गठबंधन के लिए दरवाजा पूरी तरह से बंद हो चुका है। हालांकि, उपचुनाव में सीटों के तालमेल को लेकर बिहार में महागठबंधन में मचे घमासान पर उन्होंने कहा है कि इसका 'धर्मनिरपेक्ष' गठबंधन की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। तेजस्वी ने बिहार में बाढ़ और बारिश से पैदा हुई हालात और लॉ एंड ऑर्डर को लेकर भी बेजेपी-जेडीयू सरकार के खिलाफ जकर हमला किया है।
पूरी सरकार को रेस्क्यू किए जाने की जरूरत- तेजस्वी
आरजेडी नेता और लालू-राबड़ी के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ये कहकर हमला बोला है कि उन्होंने आरएसएस, बीजेपी की मदद करके धर्मनिर्पेक्ष और समाजवादी राजनीति को बहुत नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने राज्य की बाढ़ संकट के लिए भी बीजेपी-जेडीयू सरकार पर संवेदनहीन होने और भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया है। तेजस्वी के मुताबिक, 'बाढ़, जल भराव, ऐक्यूट इंस्फेफ्लाइटिस से हुई मौतें, मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस प्राकृतिक आपदा नहीं हैं, बल्कि भ्रष्टाचार के चलते सरकार ने आपात स्थिति पैदा की है।' उन्होंने पटना में जल जमाव से पैदा हुई हालात को प्रकृति पर थोपने की कोशिश को लेकर भी सत्ताधारी गठबंधन पर जोरदार हमला किया है। उन्होंने कहा है कि, "जिस दिन सुशील मोदी को एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया, बिहार में बहुत सारे लोगों ने कहा कि पूरी सरकार को ही रेस्क्यू किए जाने की जरूरत है।"
नीतीश को बताया 'गिरगिट जैसा' चरित्र
जब उनसे अगले साल के बिहार विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार के महागठबंधन में वापस शामिल होने को लेकर सवाल किया गया तो तेजस्वी बोले कि धर्मनिर्पेक्षता और समाजावाद जिंदगी भर का वादा होता है। उन्होंने नीतीश पर भाजपा और आरएसएस को बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि "उन्होंने (नीतीश) सिर्फ हमें ही नहीं, बल्कि धर्मनिर्पेक्ष-समाजवादी राजनीति के मूलभूत सिद्धांतों को भी धोखा दिया है। यह सिर्फ अकेले हमारी बात नहीं है, बल्कि प्रगतिशील राजनीति में विश्वास करने वाले कोई भी लोग गिरगिट जैसे चरित्र को शामिल करने के लिए तैयार नहीं हैं।" बता दें कि 2017 में आरजेडी-जेडीयू में तब खटास पैदा हुई थी, जब तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बावजूद वे इस्तीफा देने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। इसके बाद नीतीश ने बीजेपी से हाथ मिलाकर नई सरकार बना ली थी।
महागठबंधन में मतभेद की बात टाल गए तेजस्वी
उपचुनाव में गठबंधन में तालमेल को लेकर उभरे मतभेद को उन्होंने यह कहकर खारिज कर दिया कि ये सिर्फ 5 विधानसभा उपचुनावों का मामला है और सिर्फ 10 महीने के लिए विधायक चुने जाने हैं। गौरतलब है कि महागठबंधन में जारी मतभेद तब सामने आया जब एक सहयोगी जीतनराम मांझी के हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने नाथनगर उपचुनाव में आरजेडी उम्मीदवार के खिलाफ प्रत्याशी उतार दिया। जबकि, एक और सहयोगी मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने सिमरी बख्तियारपुर क्षेत्र से अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी थी। गौरतलब है कि बिहार की समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र और दरौंदा, नाथनगर, सिमरी बख्तियारपुर, किशनगंज और बेलहर विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को उपचुनाव हो रहे हैं। समस्तीपुर लोकसभा सीट एलजेपी के सांसद और रामविलास पासवान के भाई रामचंद्र पासवान के निधन से खाली हुई है। जबकि, पांचों विधानसभा सीटों में से जेडीयू के चार और कांग्रेस के एक विधायक के लोकसभा में पहुंचने से उनकी सीटें खाली हुई हैं।
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