Vikas Dubey encounter: आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा- सिस्टम ने अपने को नंगा होने से बचा लिया
नई दिल्ली। कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे आखिरकार एनकाउंटर में मारा गया। इस एनकाउंटर में चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। कानपुर पश्चिम के एसपी ने बताया कि विकास दुबे को जब लाया जा रहा था तब गाड़ी पलट गई, इसमें जो पुलिसकर्मी घायल हुए विकास ने उनकी पिस्टल छीनने की कोशिश की, पुलिस ने उसे चारों तरफ से घेरकर आत्मसमर्पण कराने की कोशिश की, जिसमें उसने जवाबी फायरिंग की, आत्मरक्षा में पुलिस ने भी फायरिंग की। इसके बाद उसे कानपुर के अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बता दें, विकास दुबे का एनकाउंटर किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है। ऐसे में विपक्षी दलों ने इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सांसद मनोज कुमार झा ने ट्वीट किया, ''अगर विकास दुबे की एनकाउंटर में मौत की खबर सच है तो मान लीजिए पूरे सिंडिकेट के काले सच का भी एनकाउंटर कर दिया गया। सिस्टम ने अपने को नंगा होने से बचा लिया। कल के महाकाल मंदिर के visuals से लेकर अब तक कि कथा कितनी मासूम है.. इसे ही अंतिम सत्य मान आगे बढ़िए।'' मनोज झा ने शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी के ट्वीट 'न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी' को रीट्वीट करते हुए लिखा, ''जी बिल्कुल सही! जब नौ मन तेल की खेप ही ख़त्म कर दी गयी तो फिर राधा के नाचने का सवाल ही नहीं उठता।''
बता दें, आज सुबह ही यूपी एसटीएफ गैंगस्टर विकास दुबे को हिरासत में लेकर कानपुर पहुंची थी, एसटीएफ उसे कल रात उज्जैन से लेकर कानपुर के लिए रवाना हुई थी, जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे को गिरफ्तार नहीं किया था, ऐसे में ट्रांजिट रिमांड की जरूरत नहीं पड़ी है, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर विकास दुबे को यूपी पुलिस को सौंपा गया था। रास्ते में एसटीएफ के काफिले की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई, इस गाड़ी में विकास दुबे भी था। पुलिस कहना है कि विकास दुबे ने एसटीएफ के पुलिसकर्मियों की पिस्टल छीन कर भागने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस टीम ने विकास दुबे पर जवाबी फायरिंग की, इस मुठभेड़ में एक गोली विकास के सिर पर लगी और वो गंभीर रूप से घायल हो गया। अस्पताल ले जाते वक्त ही उसने दम तोड़ दिया, पुलिस ने उसकी मौत की अधिकारिक पुष्टि कर दी है।