राजद का बिहार बंद, तेजस्वी बोले- हर साल बाढ़ में बह जाते हैं प्रमाण पत्र, कैसे साबित करेंगे नागरिकता
नई दिल्ली। एनआरसी और नागरिकता कानून के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल ने आज (21 दिसंबर) बिहार बंद का आह्वान किया है। बंद का नेतृत्व खुद विधानसभा में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव कर रहे हैं। तेजस्वी ने कहा है कि ये सरकार गरीबों, दलितों, अल्पसंख्यकों पर जुल्म ढा रही है। गरीब लोगों कहां से दस्तावेज लाएंगे, ये सरकार नहीं बता रही। यादव ने कहा कि बिहार में हर साल बाढ़ से तबाही होती है, घर बह जाते हैं, प्रमाण-पत्र बह जाते हैं। अब वो लोग कहां से प्रणाम लाएंगे, उन लोगों को ये सरकार जेल में डाल देना चाहती है।
तेजस्वी यादव ने कहा है कि उनकी पार्टी इन कानूनों के खिलाफ सख्ती से लड़ेगी। किसी कीमत पर इन कानूनों को नहीं माना जाएगा। शनिवार सुबह से राजद कार्यकर्ता सड़कों पर हैं। जगह-जगह राजद के लोग सड़क जाम कर रहे हैं और रेल भी रोकी गई हैं। कई जगह पशुओं के साथ लोग सड़कों पर उतरे हैं। कई जगहों से तोड़फोड़ और आगजनी की भी खबरे हैं।
बंद के पहले तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार को कहा कि अगर राजद के बंद पर सरकार की तरफ से किसी ने भी हानि पहुंचाने की कोशिश की तो अंजाम भुगतने को तैयार रहें। तेजस्वी ने कहा कि लोकतंत्र में कोई भी राजनीतिक पार्टी हो या आम लोग, विरोध करने का सबको अधिकार है। अब ये प्रशासन और शासन में बैठे लोगों को तय करना है कि वो कैसे बंद को मैनेज करेंगे। हमने शांतिपूर्ण बंद का ऐलान किया है और किसी तरह की अशांति नहीं चाहते। नीतीश कुमार पुलिस से डंडा चलवाएंगे तो अच्छा नहीं होगा।
बता दें कि नागरिकता संशोधन एक्ट, 2019 को हाल ही में सदन से मंजूरी मिली है। इस कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है। कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दल और कई सामाजिक संगठन इस बिल का विरोध कर रहे हैं। देशभर की बड़ी यूनिवर्सिटियों के छात्र भी इसके खिलाफ सड़कों पर हैं। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि धर्म के आधार पर कानून बनाना भारत के संविधान पर हमला है।
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