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मेघालय खदान हादसा: जलस्‍तर में नहीं हो रही कमी, बचाव टीम के लिए बहुत चुनौतिपूर्ण है अभियान

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नई दिल्‍ली। मेघालय के जयंतिया हिल्स जिले में कोयला खदान में फंसे 15 लोगों को बचाने का कार्य फिलहाल अस्थाई तौर पर रोक दिया गया है। उपायुक्त एफएम दोप्थ ने बताया कि नए पंप मिलने के बाद बचाव कार्य फिर से चालू किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा, 'पानी निकालने के लिए लगे पंपों से पानी का स्तर नीचे नहीं किया जा सका है इसलिए इस कार्य को अस्थाई तौर पर रोक दिया गया है।' पुलिस अधीक्षक सिलवेस्टर नौंगटिंगर ने कहा कि राहत व बचाव अभियान में राष्ट्रीय व राज्य स्तर के करीब 100 कर्मी जुटे हैं।

मेघालय खदान हादसा: जलस्‍तर में नहीं हो रही कमी, बचाव टीम के लिए बहुत चुनौतिपूर्ण है अभियान

पानी घटने का इंतजार किया जा रहा है। जब पानी का स्तर करीब 30 फीट तक घट जाएगा तब गोताखोर अपने अभियान पर जुटेंगे। बचाव कार्य में जुटी एनडीआरएफ टीम के कमांडेंट एसके सिंह ने कहा कि खदान में पानी का स्तर अभी 70 फीट है। राज्य के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा ने कोल इंडिया को पत्र लिखकर उच्च क्षमता वाले पंप उपलब्ध कराने की मांग की है। 22 दिसंबर को राज्य सरकार ने खदान में फंसे 15 लोगों के परिवारों को एक-एक लाख रुपये राहत के तौर पर देने की घोषणा की है।

बता दें कि अवैध रूप से कोयला निकालने गए 15 लोग पिछले 13 दिसंबर से खदान में फंसे हैं। 13 दिसंबर को कुल 20 लोग खदान में घुसे थे जिसमें पांच बाहर आने में सफल रहे। सारे लोग खदान में संकरी सुरंगों से घुसे। स्थानीय लोगों के अनुसार खदान में घुसे लोगों में से किसी ने गलती से नदी से नजदीक वाली दीवार तोड़ दी जिससे सुरंग में पानी भर गया।

खादान का मालिक गिरफ्तार

मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स में खदान हदसे के बाद गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति ने स्वीकार कि 370 फुट गहरी अवैध खदान का मालिक वही है। पुलिस ने रविवार के यह जानकारी दीं। पुलिस अधीक्षक सिल्वेस्टर नोंगटाइंगर ने पीटीआई- भाषा को बताया कि घटना के बाद 14 दिसंबर को क्रिप चुलेत को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि शिलांग से करीब 80 किलोमीटर दूर लुमथरी गांव में बनी खदान उसी की है। उन्होंने बताया कि खदान के दो प्रबंधक मोहेश तथा जेम्स सुखलैन अब भी फरार हैं। इनमें से सुखलैन खदान का कामकाज देखता था वहीं मोहेश असम और वेस्ट गारो हिल्स से मजदूर लाता था।

मेघालय में एनजीटी के प्रतिबंध के बावजूद अवैध खनन जारी

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने चार साल पहले मेघालय में कोयला खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन राज्य में अवैध गतिविधियां अब भी जारी हैं और हर दिन लोगों की जान जोखिम में डाली जा रही है। सरकारी रिपोर्टों के मुताबिक, 2014 में प्रतिबंध से पहले कोयला खनन उद्योग राज्य के लिए सबसे ज्यादा 700 करोड़ रुपये सालाना का राजस्व जुटाता था।

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English summary
The search and rescue operations to look for 15 miners trapped since December 13 at a rat-hole mine in Meghalaya have stopped now.
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