ऋषिकेश: लक्ष्मण झूला बना कई फिल्मों की शूटिंग का गवाह, अमिताभ को लंगूर ने जड़ा था थप्पड़
ऋषिकेश: दुनिया का विश्व प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला शुक्रवार से आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है। लक्ष्मण झूला की खराब हालत को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने इसे आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है। इस पुल का निर्माण 1930 में ब्रिटिश ने करवाया था। ऋषिकेश स्थित इस पुल का ऐतिहासिक महत्व है। इसके साथ ही बॉलीवुड का भी इस जगह से गहरा नाता रहा है। यहां कई फिल्मों की शूटिंग हुई। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने इस पुल पर लंगूर के साथ अपनी फोटो शेयर की है।
अभिताभ बच्चन ने फोटो की शेयर
75 साल के अभिताभ ने करीब एक महीने पहले लंगूर के साथ अपनी फोटो शेयर करते हुए एक किस्सा सुनाया था। उन्होंने बताया था करीब 40 साल पहले जब वो एक लंगूर को कुछ खिला रहे थे, उसी दौरान दूसरे बंदर ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया था। अमिताभ ने साल 1978 की फिल्म 'गंगा की सौगंध के सेट की ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर जारी की थी। उन्होंने कैप्शन में लिखा था कि गंगा की सौगंध की शूटिंग के दौरान मैं ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला में एक लंगूर को कुछ खिला रहा था, तभी दूसरे लंगूर ने आकर मुझे तमाचा जड़ दिया। उसे लगा मैं उसे नजरअंदाज कर रहा हूं. हा हा हा।
लक्ष्मण झूला और बॉलीवु़ड कनेक्शन
पौराणिक कथाओं के मुताबिक गंगा नदी को पार करने के लिए त्रेतायुग में भगवान राम के अनुज लक्ष्मण ने जूट की रस्सियों से सेतु का निर्माण किया था। ऋषिकेश से बदरीनाथ व केदारनाथ धाम जाने का पौराणिक पैदल मार्ग भी यहीं से होकर जाता था। तब यहां जूट की रस्सियों को आर-पार बांधकर छींके की मदद से यात्रियों को गंगा पार उतारा जाता था। बॉलीवुड की कई सुपरहिट फिल्में यहां शूट हो चुकी हैं। इसमें गंगा की सौगंध, सौगंध, संन्यासी, नमस्ते लंदन, बंटी और बबली, महाराजा, अर्जुन पंडित, करम, दम लगाके आइसा जैसी फिल्में हैं। गौरतलब है कि ऋषिकेश का मतलब पिछले कुछ समय से लक्ष्मण झूला और लक्ष्मण झूला का मतलब ऋषिकेश हो चुका था। गंगा नदी पर बना ये पुल टिहरी जिले में तपोवन गांव को नदी के पश्चिमी तट पर स्थित पौड़ी जिले के जोंक इलाके से जोड़ता है।
क्षमता से अधिक लोग कर रहे थे इस्तेमाल
ऋषिकेश के स्थानीय प्रशासन के मुताबिक इस पुल का इस्तेमाल क्षमता से अधिक लोग कर रहे थे। इस पुल पर अधिक यातायात और लोगों की सुरक्षा को देखते हुए बंद करने का फैसला लिया गया। गंगा नदी पर लक्ष्मण झूला का निर्माण साल 1930 में किया गया था। नदी के दोनों हिस्सों को जोड़ने का इस्तेमाल दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालु और स्थानीय लोग करते हैं।
जनवरी में किया था निरीक्षण
उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इसी साल जनवरी में एक्सपर्ट्स ने इस पुल का निरीक्षण किया था। विशेषज्ञों ने बताया कि 1930 में बने लक्ष्मण झूले की उम्र अब पूरी हो चुकी है। पुल को जोड़ने में इस्तेमाल हुए कई उपकरण बहुत पुराने हैं और खराब हो रहे हैं। एक्सपर्ट्स के सुझाव के बाद अब स्थानीय प्रशासन ने इल पुल को बंद करने का फैसला किया। अचानक पुल को बंद करने के निर्णय से लोग नाराज हैं।
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