इस वजह से सीबीआई की पहली महिला निदेशक की रेस से बाहर हो सकती हैं रीना मित्रा
नई दिल्ली। सीबीआई की पहली महिला निदेशक बनने की रेस से रीना मित्रा बाहर हो सकती है। क्योंकि अब उनके रिटायरमेंट में केवल दो दिन बचे हुए हैं। ऐसे में अगर अगले दो दिनों में पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति की बैठक नहीं हुई तो रीना इस टॉप जॉब से बाहर हो जाएंगी। बता दें कि रीना वर्तमान में केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव हैं और वो 31 जनवरी को सेवानिवृत होने वाली हैं।
कौन हैं रीना मित्रा ?
रीना मित्रा 1983 बैच की मध्य प्रदेश कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं। रीना के पास सीबीआई में पांच साल तक काम करने का अनुभव है। ऐसे में उनके चयन को लेकर समिति की ओर से हरी झंडी मिल सकती है। ऐसे 11 अधिकारी हैं जो पहले सीबीआई में काम कर चुके हैं और शीर्ष चार आईपीएस बैचों - 1982, 1983, 1984 और 1985 से बैच से हैं। ऐसे में रीना मित्रा सीबीआई निदेशक के पद के लिए खरा उतरती है। लेकिन आखिरी फैसला तो समिति को ही करनी है।
10 अधिकारी हैं जिन्होंने सीबीआई में काम किया है
इसके अलावा 10 अधिकारी हैं जिन्होंने सीबीआई में काम किया है। इसमें अगर हम वरिष्ठता क्रम से देखे तो रजनी कांत मिश्रा, जो कि उत्तर प्रदेश कैडर के अधिकारी और वर्तमान में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रमुख हैं। इसके अलावा मिश्रा के ही कैडर के के साथी जावेद अहमद जो कि दिल्ली में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फॉरेंसिक साइंस के प्रमुख हैं। तीसरा नाम राकेश अस्थाना, जो ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के प्रमुख हैं। एसएस देसवाल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के प्रमुख, वीके जौहरी, अनुसंधान और विश्लेषण विंग में विशेष सचिव, वाइसी मोदी जो कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए के प्रमुख हैं। राजेश रंजन, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के महानिदेशक, एचसी अवस्थी जो कि उत्तर प्रदेश के सतर्कता प्रमुख है और ओपी गल्होत्रा जो कि राजस्थान पुलिस के पूर्व प्रमुख और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक अरुण कुमार हैं।
दो अन्य भी हो सकते हैं रेस से बाहर
अगर दो दिनों में समिति की बैठक नहीं हुई तो रीना मित्रा के साथ-साथ दो और ऐसे अधिकारी हैं जो सीबीआई निदेशक की रेस से बाहर हो सकते हैं। जिसमें 1982 बैच हरियाणा कैडर के परमिंदर राय और 1984 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी इस दौड़ से बाहर हो सकते हैं। क्योंकि ये दोंनों भी जनवारी के अंत में रिटायर हो रहे हैं। बता दें कि सीबीआई निदेशक के चयन को लेकर पिछले हफ्ते समिति की बैठक हुई थी जिसमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़े ने भी हिस्सा लिया था। खड़गे ने इस बैठक जिन अफसरों का चुनाव हुआ है उनकी बैकग्राउंड जानकारी मांगी थी।