लालू परिवार में विरासत पर 'महाभारत',तेजप्रताप यादव ने बढ़ाई टेंशन
जानकार बताते हैं कि तेजप्रताप की कृष्ण भक्ति और राजनीति में रूचि नहीं लेने के कारण तेजस्वी का रास्ता साफ था। लेकिन मंत्री बनने के बाद तेजप्रताप कि रुचि सियासत में बढ़ने लगी।
नई दिल्ली। राजनीति के माहिर खिलाड़ी लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बाहर वालों ने तो बढ़ा ही रखी है इसी बीच वो अपने घर में चल रही राजनीति को लेकर परेशान चल रहे हैं। लालू अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को अघोषित तौर पर अपना वारिस तय कर चुके हैं। ये बात उनके बड़े बेटे को नागवार गुजर रही है। लालू की अंदर से इच्छा है कि तेजस्वी यादव राज्यभर की सभाओं को संबोधित करे और पार्टी के नेतृत्व में हाथ बटाये, लेकिन तेज प्रताप यादव सभी कार्यक्रम में टपक पड़ते हैं और सारी तालियां बटोर ले जाते हैं।
लालू यादव के कुनबे में विरासत को लेकर अंदरूनी खींचतान
सीबीआई, इनकम टैक्स, ईडी जैसी जांच एजेंसियों के चक्कर में पड़े लालू यादव के कुनबे में विरासत को लेकर अंदरूनी खींचतान शुरू हो चुकी है।भागलपुर रैली में भी तेजस्वी से ज्यादा तालियों की गड़गड़ाहट तेजप्रताप के आक्रामक भाषण के दौरान सुनने को मिला। राजद खेमे में यह माना जाने लगा है कि तेजप्रताप अपने समर्थकों से तेजस्वी के मुकाबले ज्यादा आसानी से कनेक्ट हो जाते है। सूत्रों की मानें तो भागलपुर रैली के बाद लालू यादव को मिल रहे फीडबैक में तेजप्रताप, तेजस्वी से आगे निकलते दिख रहे हैं। भागलपुर की रैली में लालू यादव ने मंच से तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनने की बात कही। जिसके बाद कहा जा रहा है कि पटना लौटने के बाद तेज प्रताप ने परिवार में ऐलान कर दिया है कि मैं कृष्ण हूं और द्वारिका का राजा मैं ही बनूंगा।
तेजप्रताप के विद्रोही तेवर
जानकार बताते हैं कि तेजप्रताप की कृष्ण भक्ति और राजनीति में रुचि नहीं लेने के कारण तेजस्वी का रास्ता साफ था। लेकिन मंत्री बनने के बाद तेजप्रताप कि रूचि सियासत में बढ़ने लगी। छोटे भाई के सामने नंबर दो की हैसियत मिलने से तेजप्रताप नाराज रहने लगे। नाराजगी विद्रोही तेवर तक पहुंचती उससे पहले ही मंहागठबंधन में टूट के कारण सत्ता चली गई। तेजप्रताप और तेजस्वी बिहार की राजनीति में अचानक आयी इस सुनामी से जब तक संभलते तबतक लालू ने तेजस्वी को नेता प्रतिपक्ष बना दिया। खबर है कि इसके बाद तेजप्रताप ने अपने सिपहसालारों से आगे की रणनीति पर मशविरा किया। सलाहकारों के ज्ञान का असर तेजप्रताप पर 27 अगस्त को पटना के गांधी मैदान में दिखा।
कानूनी पचड़ों ने बढाई टेंशन
घर की अंदरूनी समस्याओं से दो-चार हो रहे लालू को कानूनी पचड़े और मुकदमे से काफी परेशानी हो रही है. दो दिन पहले पटना जिले की एक अदालत में एक रत्न एवं आभूषण व्यवसायी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके पुत्र एवं बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ भागलपुर जिले में करोडों रुपये के सृजन घोटाले को लेकर बेबुनियाद आरोप लगाने को लेकर मानहानि का एक परिवाद पत्र दायर किया है।
दोनों भाइयों में नही है सामंजस्य
घर जमाई बने शैलेश और मीसा भारती के कारण भी परिवार में कलह होने की बात सामने आ रही है। दोनों भाइयों के संपर्क में रहनेवाले लोग बताते हैं कि दोनों दुनिया के सामने भले कृष्ण बलराम की तरह दिखते हों लेकिन एक दूसरे के प्रति ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं जिसे लिखना संभव नहीं है।
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