VIDEO: बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र को देना था गार्ड ऑफ ऑनर, नहीं चली 22 में से एक भी जवान की बंदूक
नई दिल्ली। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र का सोमवार को लंबी बीमारी के बाद दिल्ली में निधन हो गया। बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। लेकिन अंतिम संस्कार के समय जब मिश्रा को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाना था तब बड़ी ही अजीब स्थिति बन गई। दरअसल यहां 22 जवानों ने थ्री नॉट थ्री राइफल से हवाई फायर की कोशिश शुरू की तो एक की भी बंदूक नहीं चली। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सुशील मोदी भी मौजूद थे। जब गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान एक भी बंदूक नहीं चली तो जवानों ने बंदूकों और गोलियों की तुरंत जांच की। अन्य अधिकारियों ने भी इन्हें जांचा । इसके बाद जवानों ने दोबारा फायर की कोशिश की तो भी गोलियां नहीं चलीं। इसके बाद मजबूरन बिना फायरिंग के ही मिश्रा का अंतिम संस्कार किया गया। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
जगन्नाथ मिश्र बिहार में कांग्रेस के अंतिम मुख्यमंत्री थे। आपातकाल के दौर के बाद वे बिहार कांग्रेस के सबसे शक्तिशाली नेता थे। लेकिन बदलते वक्त ने उन्हें जदयू का नेता बना दिया था। वे बिहार के सबसे युवा मुख्यमंत्री थे। 1975 में जब वे मुख्यमंत्री बने थे तब उनकी उम्र केवल 38 साल थी। इस लिहाज से वे लालू यादव से भी यंग चीफ मीनिस्टर थे। लालू 42 साल की उम्र में सीएम बने थे। हालांकि सतीश प्रसाद सिंह 32 साल की उम्र में केवल तीन दिनों के लिए बिहार के कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने थे। चूंकि जगन्नाथ मिश्र ने नियमित सीएम के रूप में शपथ ली थी इस लिए उन्हें ही बिहार का सबसे युवा मुख्यमंत्री माना जाता है।
जगन्नाथ मिश्र सुपौल जिले के बलुआ बाजार के रहने वाले थे। उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी थे। वे पांच भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई ललित नारायण मिश्र कांग्रेस के दिग्गज नेता थे और इंदिरा गांधी के अत्यंत करीबी थे। जगन्नाथ मिश्र बचपन से ही पढ़ने में बहुत तेज थे। उन्होंने मुजफ्फरपुर के बिहार विश्वविद्यालय (अब भीम राव अंबेदकर बिहार विश्वविद्यालय) से इकोनॉमिक्स में एम और पीएचडी की। फिर इसी विश्वविद्यालय में उन्हें लेक्चरर की नौकरी मिल गयी। बड़े भाई ललितनारायण मिश्र की हत्या की वजह से उन्हें खुद को राजनीति में बड़ी भूमिका के लिए तैयार करना पड़ा।
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