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शहीद औरंगजेब को मिलेगा सर्वोच्‍च वीरता पदक शौर्य चक्र, आतंकियों ने कर दी थी हत्‍या

भारतीय सेना में राइफलमैन औरंगजेब को साल 2018 के मरणोपरांत शौर्य चक्र से नवाजा जाएगा। जम्‍मू कश्‍मीर लाइट इंफेंट्री (जैकलाइ) के जवान औरंगजेब की जून में आतंकियों ने उस समय अगवा करके हत्‍या कर दी थी जब वह ईद की छुट्टी पर अपने घर जा रहे थे।

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नई दिल्‍ली। भारतीय सेना में राइफलमैन औरंगजेब को साल 2018 के मरणोपरांत शौर्य चक्र से नवाजा जाएगा। जम्‍मू कश्‍मीर लाइट इंफेंट्री (जैकलाइ) के जवान औरंगजेब की जून में आतंकियों ने उस समय अगवा करके हत्‍या कर दी थी जब वह ईद की छुट्टी पर अपने घर जा रहे थे। औरंगजेब जम्‍मू कश्‍मीर के पुंछ में रहने वाले थे। गोलियों से छलनी औरंगजेब की लाश पुलवामा से 10 किलोमीटर दूर गुसू गांव में पुलिस और सर्च टीम को मिली थी। उन्‍हें बंदूक की नोक पर आंतकियों ने पुलवामा के कलामपोरा से अगवा कर लिया था।

आतंकी समीर टाइगर को मारने वाले टीम में थे शामिल

आतंकी समीर टाइगर को मारने वाले टीम में थे शामिल

औरंगजेब सेना की उस टीम में शामिल थे जिसने हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी समीर टाइगर को मारने में कामयाबी हासिल की थी। औरंगजेब अपनी ड्यूटी पूरी करके लौट रहे थे कि तभी हथियारों से लैस आतंकियों ने उनका अपहरण कर लिया था। वह एक बस में थी जो उनके घर जा रही थी और इसी समय उनका अपहरण किया गया था। उनके अपहरण की खबर आते ही जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस ने उनकी तलाश शुरू की और 44 राष्‍ट्रीय राइफल्‍स को इनफॉर्म किया जिनके साथ वह अटैच्‍ड थे।

पिता सेना से रिटायर, भाई सेना में और चाचा शहीद

पिता सेना से रिटायर, भाई सेना में और चाचा शहीद

अपहरण के बाद औरंगजेब की मां ने आतंकियों ने अपील की थी कि वे उन्‍हें रिहा कर दें क्‍योंकि उनका बेटा उनके साथ ईद मनाने घर आ रहा था। वह उनके साथ ईद मनाना चाहती हैं। औरंगजेब का परिवार कई वर्षो से सेना के साथ जुड़ा हुआ है। उनके पिता सेना से रिटायर हैं तो उनके चाचा की मौत आतंकियों से लड़ते हुए साल 2004 में हो गई थी। उनके भाई भी सेना में हैं। औरंगजेब का पूरे सम्‍मान के साथ शुक्रवार को अंतिम संस्‍कार किया गया।औरंगजेब के सिर और गले में गोली मारी गई थी।

क्यों दिया जाता है शौर्य चक्र

क्यों दिया जाता है शौर्य चक्र

शौर्य चक्र भारत का शांति के समय वीरता का पदक है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को उनकी असाधारण वीरता या फिर असाधारण बलिदान के लिए दिया जाता है। यह मरणोपरान्त भी दिया जा सकता है। वरियता में यह कीर्ति चक्र के बाद आता है।

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English summary
Rifleman Aurangzeb gets the Shaurya Chakra on Independence Day.
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