रिचा भारती को अब नहीं बांटनी पड़ेगी कुरान, कोर्ट ने हटाई शर्त
नई दिल्ली। रांची की कोर्ट ने जिस तरह से फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट की वजह से छात्रा को पांच कुरान बांटने की शर्त पर जमानत दी थी, उसका भारी विरोध हो रहा था। लोगों के भारी विरोध के बीच आखिरकार कोर्ट ने अपने फैसले में संशोधन किया है। कोर्ट के फैसले में बदलाव के बाद अब रिचा भारती को कुरान की प्रतियां नहीं बांटनी होगी। कोर्ट ने कुरान बांटने की शर्त को वापस ले ले लिया, जबकि बाकी की अन्य शर्तें पूर्ववत रहेंगी। बता दें कि कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिचा भारती ने हाई कोर्ट में अपील की बात कही थी। खुद भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने उनकी मदद की बात कही थी।
भारी विरोध के बाद बदली गई शर्त
रांची कोर्ट के फैसले का तमाम संगठनों और अधिवक्ताओं ने भी विरोध किया था। लोगों के विरोध के बीच इस पूरे मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी विनोद राम ने सहायक लोक अभियोजक मीनाक्षी कंडुलना के माध्यम से न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की कोर्ट से अपील की थी कि वो पांच कुरान बांटने की शर्त को वापस ले लें। जांच अधिकारी की ओर से कहा गया था कि इस फैसले को लागू करने में काफी कठिनाई आ रही है, जिसके बाद इस शर्त को हटा दिया है।
पुलिस ने किया था गिरफ्तार
गौरतलब है कि फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट की वजह से रिचा भारती को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें इस शर्त पर जमानत दी थी कि उन्हें कुरान की पांच प्रतियां बांटनी होगी। कोर्ट के फैसले के बाद रिचा ने कहा कि यद्यपि मैं कोर्ट की इज्जत करती हूं, लेकिन मैं कोर्ट के फैसले से खुश नहीं हूं। मुझे फेसबुक पर साधारण सी पोस्ट को लेकर कुरान बांटने के लिए मस्जिद जाना पड़ेगा।
मौलिक अधिकारों का हनन
रिचा का कहना था कि अपने भगवान के बारे में लिखना कतई गलत नहीं है, यह मेरा मौलिक अधिकार है। रिचा ने किसी की भी भावना को आहत करने के आरोप से इनकार किया है। उसने कहा कि मैंने यह पोस्ट नहीं लिखी थी मैंने इसे बस कट, कॉपी, पेस्ट किया था। लेकिन दूसरे समुदाय के लोगों से कभी भी हनुमान चालीसा बांटने के लिए नहीं कहा गया है, यह सही नहीं है। रिचा ने कहा था कि वह कुरान की प्रतियां नहीं बाटेंगी और वह हाई कोर्ट में कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करेंगी।
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