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जानिये वादियों को दहलाने के लिए अलगाववादियों के हाथ कौन मजबूत कर रहा

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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों की समस्या देश के लिए सबसे बड़ी समस्या है। अलगाववादियों को पाकिस्तान से मिलने वाली आर्थिक मदद देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

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भारतीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के लिए इन अलगाववादियों को मिलने वाली आर्थिक मदद को रोकना सबसे बड़ी चुनौती है। अलगाववादियों को मिलने वाली आर्थिक मदद के दम पर ही कश्मीर में पाकिस्तान के समर्थन में ये आतंकी माहौल बनाने में सफल होते हैं।

भारत अलगावादियों की आर्थिक मदद को रोकने के लिए क्या कर रहा

गृहमंत्रालय के एक अधिकारी ने वनइंडिया से बातचीत के दौरान बताया कि सरकार का अलगाववादियों को मिलने वाली आर्थिक मदद को हर हाल में रोकने क लिए पूरी कोशिश कर रही है। सरकार के अहम एजेंसियां इस फंडिंग को रोकने के लिए अभियान के तहत जुटी हैं।

देश की प्रमुख एजेंसिया जुटी हैं जांच में

राष्ट्रीय जांच एजेंसी, ईडी सहित कश्मीर की पुलिस अलगाववादियों को मिलने वाली आर्थिक मदद की जांच में जुटे हैं। साथ ही ये सभी एजेंसियां मिलकर खुफिया एजेंसी को इस मामले की जांच में पूरी मदद कर रही हैं।

अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में शांति के माहौल को बिगाड़ने के लिए सीमापार से इन अलगाववादियों को बड़ी आर्थिक मदद मिलती है। ऐसे में वादियों की फिजा को बिगाड़ने के लिए इस्तेमाल हो रहे पैसे की जांच इस सरकार का मुख्य एजेंडा है।

नकली नोटों के जरिए भी हो रही अलगाववादियों की मदद

इसी के साथ एजेंसियां नकली रुपयों की खेफ जो भारत में लायी जा रही है उसकी भी जांच कर रही है। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने कई ऐसे मामलों का खुलासा किया है जिसमें नकली नोटों को भारत में लाया जा रहा था।

नशे का कारोबार भी अलगाववादियों का हथियार

भारत में यह पैसा हवाला और ड्रग डील के जरिए लाया जा रहा है। जिसके चलते भारत की मुख्य एजेंसियों के लिए इस आर्थिक मदद के तंत्र को तोड़ना काफी मुश्किल काम है। यह पैसा रीयल स्टेट के जरिए भी देश में लाया जाता था, जिसे बाद में आतंकियों और अलगाववादियों की मदद के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

नेपाल के रास्ते आता है आतंकियों का पैसा

एनआईए के अधिकारी ने बताय कि भारत के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले इस रुपए का मुख्य मार्ग नेपाल है। नेपाल के रास्ते यह पैसा भारत में पहुंचता है जोकि यासीन भटकल की ताकत को घाटी में काफी बढ़ाता है। हालांकि इन अलगाववादियों के अपने खुफिया रास्ते भी हैं जिनके जरिए ये पैसा भारत में मंगाते हैं।

लैश्कर-ए-तैयबा सहित कई संगठन भेजते हैं पैसा

हवाला से भारत में आने वाला पैसा देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है। हाल ही में एक ईडी ने एक बिजनेसमैन को गिरफ्तार किया था जिसपर हवाला का पैसा देश में लाने का आरोप था। इस बात के भी साक्ष्य मौजूद हैं कि हवाला को यह पैसा लश्कर-ए-तैयबा की ओर से पहुंचाया जाता है। बात में यह पैसा आतंकवादियों और अलगाववादियों की मदद के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

पैसा नहीं तो अदला-बदली भी के जरिए चलता है आतंकियों का कारोबार

जांच एजेंसियों ने इस बात का भी खुलासा किया है कि 2014 में तकरीबन 48 ऐसे एजेंट्स सक्रिय हैं जोकि अदला-बदली के व्यापार में काफी सक्रिय है। ये एजेंट आतंकियों को इसके जरिए पैसा और हथियार मुहैया कराते हैं। ईडी और एनआई ने इन एजेंट्स को 20 अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया था जिनके पास से 75 लाख रुपए बरामद किये गये थे।

अंतरर्राष्ट्रीय मदद भी मिल रही अलगाववादियों को

जांच एजेंसियों ने इस बात का भी खुलासा किया है कि इन आतंकियों और अलगाववादियों को दुनिया के कई देशों से आर्थिक मदद मिल रही है, ऐसे 90 लोगों की पहचान की गयी है जो वादी में इन लोगों की मदद के लिए सक्रिय हैं। 2009 से 2011 के बीच की जांच इस बात का खुलासा करती है जिसमें 1.2 करोड़ रुपए इन व्यक्तियों को जरिए जब्त किये गये थे।

सउदी अरब से भी आता है पैसा

इन एजेंट्स के पास से यूरो और जाली नोट भी बड़ी मात्रा में बरामद हुए थे जो आतंकियों की मदद कर रहे थे। 2011 में सउदी अरब का एक एजेंट भी सामने आया था जो 74000 रियाल के साथ वादी में गिरफ्तार हुआ था।

वादी में इन लोगों तक पहुंचती है मदद

एनआईए के सूत्रों की मानें तो देश में आने वाला यह पैसा कई आतंकी संगठनों सहित अलगाववादियों तक पहुंचता है। हुर्रियत कांफ्रेंस, जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट, इस्लामिक स्टूडेंट फ्रंट, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जैश ए मुजाहिद्दीन, जमीयतुल मुजाहिद्दीन सहित कई संगठनों को यह पैसा पहुंचाया जाता है।

गिलानी को मिलती है सबसे बड़ी मदद

1997 में सैयद अली शाह गिलानी के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज कराया गया था जिसमें उनपर सउदी अरब से 1.9 करोड़ रुपए क का चंदा प्राप्त हुआ था। यही नहीं उन्हें कश्मीर अमेरिकन काउंसिल से उन्हें एक करोड़ रुपए का भी फंड प्राप्त हुआ था।

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English summary
Jammu Kashmir Separatist are being funded by different organization around the world, Hawala is big threat to IB and other Indian Agencies.
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