साल 2016 के नवंबर माह में 2000-500 के छपे नोटों का सीआईसी ने ब्योरा मांगा
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि नोटबंदी के बाद 30 नवंबर 2016 तक कुल कितने 2,000 रुपये और 500 रुपये के नोटों की छपाई की गई, इसकी जानकारी दें। एक आरटीआई कार्यकर्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी। गुरुग्राम के सूचना के अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता हरिंदर धींगड़ा ने 9 नवंबर 2016 से 30 नवंबर 2016 के बीच रोजाना छापे गए नोटों की जानकारी मांगी थी। धींगड़ा ने इस जानकारी के लिए आरटीआई अधिनियम के तहत 23 फरवरी 2017 को आवेदन दाखिल किया था।
धींगड़ा ने आईएएनएस को बताया कि केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) ने पहले आवेदन को खारिज कर दिया था। उसके बाद 16 अगस्त 2017 को दूसरी अपील दाखिल की गई। धींगड़ा ने कहा कि 30 नवंबर 2018 को सुनवाई के बाद सूचना आयुक्त सुधीर भार्गव ने 5 दिसंबर 2018 को सूचना देने के आदेश जारी किए। आदेश में कहा गया, "9 नवंबर 2016 से 30 नवंबर 2016 तक रोजाना कितने नोट छापे गए, यह कोई संवेदनशील मामला नहीं है, जिसे आरटीआई अधिनियम की धारा 8(1)(ए) के तहत छूट प्रदान की जाए, इसलिए सीपीआईओ को निर्देश दिया जाता है कि मांगी गई जानकारी मुहैया कराई जाए।
गौरतलब है कि साल 2016 में 8 नवंबर की आधी रात को नोटबंदी लागू करने की घोषणा की गई थी। जिसके बाद देश में 1000 और 500 रुपए के नोटों को बैन कर दिया गया था। जिसके बाद पूरे देश में 1000 आैर 500 रुपए के नोटों को जमा कराने के लिए बैंकों में भीड़ लग गर्इ थी। वहीं नए 2000 रुपए के नोट को लेने के लिए एटीएम के बाहर लंबी लाइन लग गर्इ थी।