क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Exclusive: देश सेवा के बाद लॉकडाउन में गरीबों की सेवा में जुटा Indian Navy से रिटायर ऑफिसर

Google Oneindia News

उन्‍नाव। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण पर लॉकडाउन को एक माह पूरा हो चुका है। इस एक माह में केसेज तो बढ़े मगर देश में लॉकडाउन की अंतरराष्‍ट्रीय संस्‍थाओं और कई थिंक टैंक्‍स ने तारीफ भी की। इस लॉकडाउन के दौरान डॉक्‍टर और पुलिस बल 'सुपरहीरो' और कोरोना वॉरियर्स के तौर पर सामने आए। वहीं, कुछ ऐसे कोरोना वॉरियर्स हैं जो देश के अलग-अलग हिस्‍सों में अपना योगदान दे रहे हैं। इन्‍हीं कोरोना वॉरियर्स में एक हैं लेफ्टिनेंट कमांडर (रिटायर्ड) संदीप पांडे जिन्‍होंने 15 वर्ष तक देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा की। अब रिटायरमेंट के बाद वह अप्रत्‍यक्ष तौर पर राष्‍ट्र की सेवा में लगे हैं। संदीप उत्‍तर प्रदेश के रणजी ट्रॉफी प्‍लेयर भी रह चुके हैं और कई दफा राज्‍य का प्रतिनिधित्‍व भी कर चुके हैं।

यह भी पढ़ें-'भारत में हेल्‍थ वर्कर्स को नहीं मालूम कैसे यूज करें टेस्‍ट किट्स'यह भी पढ़ें-'भारत में हेल्‍थ वर्कर्स को नहीं मालूम कैसे यूज करें टेस्‍ट किट्स'

रोजाना 30 गरीब परिवारों को खिला रहे हैं खाना

रोजाना 30 गरीब परिवारों को खिला रहे हैं खाना

कानपुर से करीब 22 किलोमीटर दूर है उन्‍नाव जिला और पिछले कुछ समय से यह नकारात्‍मक वजहों से सुर्खियों में रहा। इसी उन्‍नाव से जब संदीप पांडे जैसे युवाओं की कहानी सामने आती है तो कुछ सुकून मिलता है। संदीप इन दिनों लॉकडाउन में रोजाना करीब 30 गरीब परिवारों को खाना मुहैया करा रहे हैं। वनइंडिया हिंदी के साथ खास बातचीत में संदीप ने बताया कि कैसे उन्‍हें यह ख्‍याल आया और कैसे मुश्किलों के बाद भी वह अपने प्रयास में सफल हुए। उन्‍होंने बताया, 'जब 25 मार्च को लॉकडाउन का ऐलान हुआ तो मैं और मेरे साथी थोड़ा सोच में पड़ गए कि आखिर उन लोगों का क्‍या होगा जो रोजाना कमा कर खाते हैं। हम इस पर चर्चा कर ही रहे थे कि तभी पिताजी आ और पूछा कि क्‍या हुआ? उन्‍हें पूरी बात बताई तो उन्‍होंने कुछ रकम हमें दीं। यहां से मुझे एक आइडिया आया।'

लॉकडाउन बढ़ा तो उसके लिए भी तैयार संदीप

लॉकडाउन बढ़ा तो उसके लिए भी तैयार संदीप

संदीप ने इसके बाद व्‍हाट्सएप ग्रुप बनाया जिस पर उन्‍होंने सेनाओं से जुड़े लोगों के अलावा अपने साथ क्रिकेट खेल चुके कुछ लोगों को भी जोड़ा। देखते-देखते संदीप को करीब 50,000 रुपए मदद के लिए मिल गए। मदद बड़ी थी और 50,000 की रकम कम थी और अब संदीप अपनी पेंशन से गरीबों की मदद कर रहे हैं। रोजाना खाने का सामान पैक होता है, सैनिटाइजर, मास्‍क और बाकी सुरक्षा इंतजामों के साथ गरीबों को दिया जाता है। अगर लॉकडाउन बढ़ा भी तो भी संदीप गरीबों की मदद नहीं बंद करेंगे। उनका कहना है, 'हम इस बात के लिए तैयार हैं कि लॉकडाउन को बढ़ाया जा सकता है। हमने पहले से इंतजाम करके रखा है और लॉकडाउन एक माह तक बढ़ भी जाए तो भी हम गरीब परिवारों को भूखा नहीं सोने देंगे।'

खुद ही खरीद डाली फॉगिंग मशीन

खुद ही खरीद डाली फॉगिंग मशीन

संदीप आज जिस जज्‍बे के साथ लोगों की सहायात कर रहे हैं, वह शायद उन्‍हें नेवी की सर्विस ने उन्‍हें सीखाया है। संदीप एक छोटे से एनजीओ संदेश फाउंडेशन को भी चलाते हैं। इसकी कहानी भी काफी दिलचस्‍प है। साल 2017 में नेवी से रिटायरमेंट लेने के बाद वह कोच्चि से अपने घर उन्‍नाव आए। यहां पर काफी मच्‍छर थे और जब उन्‍होंने अपने पिता से पूछा कि यहां पर फॉगिग नहीं होती? इस पर पिताजी ने जवाब दिया, 'यहां पर कभी फॉगिंग नहीं हुई।' उन्‍होंने कई बार अधिकारियों से फॉगिंग के लिए कहा मगर जब कुछ नहीं हुआ तो संदीप खुद ही फॉगिंग मशीन ले आए और मोहल्‍ले में फॉगिंग का काम शुरू कर दिया। यहां से सफर शुरू हुआ और आज उनके साथ कई ऐसे स्‍टूडेंट्स जुड़े हैं जो पढ़ाई के साथ-साथ गरीब बच्‍चों को पढ़ाने और उनकी मूलभूत जरूरतों जैसे खाना-पीना और कपड़ों को पूरा करती है।

गरीब बच्‍चों के कपड़े धोना फिर इस्‍त्री करना

गरीब बच्‍चों के कपड़े धोना फिर इस्‍त्री करना

संदीप गरीब बच्‍चों के कपड़े धोकर उन्‍हें इस्‍त्री तक करते हैं और फिर उन्‍हें पहनने को देते हैं। संदीप ने नेवी से रिटायरमेंट इसलिए लिया क्‍योंकि उनके माता-पिता उन्‍नाव में अकेले रहते थे। अपने माता-पिता के साथ रहने और उनकी वृद्धावस्‍था में उन्‍हें अकेला न छोड़ने के विचार से संदीप लौट आए। उनके पिता बैंक से रिटायर थे और संदीप ने भी सोचा कि वह भी बैंक के लिए ट्राइ करें। वह अपने पहले ही प्रयास में सफल भी हुए लेकिन उन्‍हें पोस्टिंग उन्‍नाव या कानपुर से बाहर मिली और उन्‍होंने उसे ठुकरा दिया। फिर उन्‍होंने मोहल्‍ले के गरीब लोगों की मदद करनी शुरू की और इस तरह से उन्‍होंने एक ऐसी पहल को आगे बढ़ाया जिसके बारे में ज्‍यादा लोगों को नहीं मालूम है।

यूपी और नेवी को किया रिप्रजेंट

यूपी और नेवी को किया रिप्रजेंट

संदीप ने साल 2000 से क्रिकेट खेलना शुरू किया उस समय उनका सेलेक्‍शन यूपी की रणजी टीम में हुआ था। साल 2002 में ववह इंडियन नेवी के लिए सेलेक्‍ट हुए और फिर साल 2002 से साल 2010 तक उन्‍होंने नेवी को रिप्रजेंट किया। संदीप की मानें तो इंडियन क्रिकेट टीम का हिस्‍सा रहे कई पूर्व क्रिकेटर्स ने भी उनकी मुहिम में मदद के लिए कहा है। संदीप की मानें तो वह अब सोच रहे हैं कि जरूररत पड़ने पर इन क्रिकेटरों को अपील करेंगे कि वह भी इस कॉज से जुड़ें।

English summary
How this retired Indian Navy officer and former UP Ranji Trophy player is feeding poor people amid Lockdown in Unnao near Kanpur.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X