पूर्व सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने कहा, पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को दिया कड़ा संदेश
नई दिल्ली। 29 सितंबर 2016 को इंडियन आर्मी ने पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। जिस समय सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी उस समय जनरल (रिटायर्ड) दलबीर सिंह सुहाग सेना प्रमुख थे। जनरल सुहाग ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में बताया है कि उन्होंने कैसे उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उरी आतंकी हमले के बाद कुछ विकल्प दिए और तब जाकर कहीं सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला हो सका। 18 सितंबर 2016 को जम्मू कश्मीर के उरी में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे। सर्जिकल स्ट्राइक इसी हमले का बदला लेने के लिए अंजाम दिया गया था।
जनरल ने की पीएम मोदी की तारीफ
जनरल सुहाग ने बताया, 'मैंने 23 सितंबर को पीएम के सामने कुछ विकल्प पेश किए। शुरुआत में कुछ विचार-विमर्श के बाद पीएम ने उनकी ओर से पेश किए एक विकल्प को मंजूरी दी। इसके बाद सेना ने उस विकल्प को सफलतापूर्वक अंजाम दिया और देश को सेना पर आज भी गर्व है।' जनरल सुहाग के मुताबिक सर्जिकल स्ट्राइक पीएम मोदी की तरफ से लिया गया एक ऐसा फैसला था जो निर्भीकता और बहादुरी से भरा था। जनरल सुहाग की मानें तो भारत एलओसी पार करके पाकिस्तान को कड़ा संदेश देना चाहता था। जनरल सुहाग की मानें तो सेना पाकिस्तान पर हमला करके उसे बड़ा नुकसान कर सकती है और साथ ही जानमाल के नुकसान के बिना लौट भी आएगी। जनरल सुहाग ने कहा कि जो विकल्प सेना ने चुना वह कठिन था और चुनौती भरा था। लेकिन सेना ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए यह कदम उठाया था।
सर्जिकल स्ट्राइक में इंडियन आर्मी के स्पेशल कमांडोज, पाकिस्तान के हिस्से वाले कश्मीर के अंदर तक दाखिल हुए थे। इन कमांडोज ने आतंकवादियों के सात कैंप्स को तबाह कर दिया था। करीब 250 किलोमीटर के क्षेत्र में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया था। इस सर्जिकल स्ट्राइक में पाकिस्तान मिलिट्री के भी कुछ स्थानों को तबाह कर दिया था। आज जानिए उन कमांडोज के बारे में जिन्होंने इस सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। ये भी पढ़ें-बीएसएफ के डीजी बोले-पाकिस्तान से ले लिया है जवान की हत्या का बदला