Air India Crash: IAF से रिटायर विंग कमांडर दीपक वसंत साठे उड़ा रहे थे प्लेन, मिग-21 जैसे फाइटर जेट्स भी उड़ा चुके थे कैप्टन साठे
कोझीकोड। साल 2020 जितना मनहूस हो सकता है, उतना होता जा रहा है। कोरोना वायरस महामारी से जूझते देश को शुक्रवार को एक बड़ी दर्दनाक खबर सुनने को मिली जब दुबई से केरल आ रही फ्लाइट लैंडिंग के समय क्रैश हो गई। जिस समय हादसा हुआ उस समय प्लेन में 189 यात्री और छह क्रू मेंबर्स थे। फिलहाल 14 लोगों के मारे जाने की खबरें हैं। हादसे में फ्लाइट के पायलट कैप्टन दीपक वसंत साठे की भी मृत्यु हो गई है। उनके साथी और परिवार वालों को यकीन नहीं हो रहा है कि कैप्टन साठे अब उनके बीच नहीं है। कैप्टन साठे इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) से रिटायर थे और उनकी गिनती बेहतरीन पायलट्स में होती थी।
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NDA के 58वें कोर्स से पासआउट
विंग कमांडर (रिटायर्ड) कैप्टन दीपक साठे एयर इंडिया के लिए एयरबस 310 भी उड़ा चुके थे। इसके बाद उन्हें एयर इंडिया एक्सप्रेस की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वह नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) के 58वें कोर्स से पासआउट थे और जूलियट स्क्वाड्रन का हिस्सा थे। एनडीए में पास आउट होते समय उन्हें एनडीए प्रेसीडेंट गोल्ड मेडल से नवाजा गया था। विंग कमांडर साठे एनडीए के बाद हैदराबाद के डुंडीगल स्थित एयरफोर्स एकेडमी (एएफए) पहुंच और यहां पर उन्हें 127 पीसी कोर्स के दौरान स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से भी सम्मानित किया गया। कैप्टन दीपक साठे के कोर्समेट्स और उनके जूनियर इस हादसे में उनके निधन से खासे दुखी हैं।कैप्टन साठे साल 1981 में बतौर फाइटर पायलट आईएएफ में कमीशंड हुए थे और साल 2003 में वह रिटायर हो गए थे। वह विंग कमांडर के पद से रिटायर हुए थे।
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मिग-21 जैसे जेट्स का था अनुभव
सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक कैप्टन साठे मिग-21 जैसे फाइटर जेट्स को उड़ा चुके थे। उनकी पोस्टिंग हरियाणा के अंबाला में उसी 17वीं स्क्वाड्रन यानी गोल्डन एरो के साथ भी हुई है जिसका हिस्सा 29 जुलाई को राफेल जेट बने हैं। इसी स्क्वाड्रन ने सन् 1999 में कारगिल की जंग में दुश्मन को मुंहतोड जवाब दिया है। कैप्टन साठे ने एयरफोर्स एकेडमी में इंस्ट्रक्टर के तौर पर भी अपने रोल को बखूबी निभाया था। उनके परिवार में उनकी पत्नी सुषमा के अलावा दो बेटे हैं। साठे एक बेहतरीन फाइटर पायलट थे और उनके पास कई घंटों की फ्लाइंग का अनुभव था।
IAF करती है इस एयरपोर्ट का प्रयोग
एयर इंडिया को ज्वॉइन करने से पहले वह हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ बतौर टेस्ट पायलट तैनात थे। कैप्टन दीपक वसंत साठे के अलावा क्रैश में 32 साल के को-पायलट अखिलेश कुमार की भी मृत्यु हो गई है। कैप्टन अखिलेश की हाल ही में शादी हुई थी। एविएशन एक्सपर्ट्स के मुताबिक कर्नाटक का मेंगलुरु और केरल का कालीकट रनवे बहुत ही खतरनाक है। बारिश या ऐसे खराब मौसम में यहां पर लैंडिंग बहुत ही मुश्किल हो जाती है। जिस एयरपोर्ट पर हादसा हुआ है वहां पर अक्सर आईएएफ के हेलीकॉप्टर और दूसरे एयरक्राफ्ट की लैंडिंग भी होती है। यह एयरपोर्ट आईएएफ के लिए भी ऑपरेशनल है।
वंदे भारत मिशन का हिस्सा थी फ्लाइट
एयर इंडिया की फ्लाइट AXB1344, B737 दुबई से कालीकट आ रही थी। यह फ्लाइट वंदे भारत मिशन का हिस्सा थी जिसके तहत कोविड-19 के बीच विदेशों में फंसे भारतीयों को देश वापस लाया जा रहा है। फ्लाइट कोझीकोड के कारीपुर एयरपोर्ट पर लैंड करने ही वाली थी कि अचानक यह रनवे से फिसल गई और दो टुकड़ों में बंट गई। यह घटना उस समय हुई जब भारी बारिश हो रही थी और मौसम बहुत खराब था। यात्रियों में 19 नवजात शिुश भी शामिल हैं। इसके अलावा दो पायलट और चार केबिन क्रू मेंबर्स भी सवार थे।