8 राज्यों के 19 राज्यसभा सीटों के आए नतीजे, जानिए किसे कहां मिली जीत
नई दिल्ली। कोरोना काल में आज (शुक्रवार) 8 राज्यों के 19 राज्यसभा सीटों पर चुनाव हुए जिसके नतीजे भी सामने आ गए हैं। मध्यप्रदेश, गुजरात,और राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस के बीच करीबी मुकाबला देखने को मिला है। बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के कारण 18 सीटों पर चुनाव स्थगित कर दिया गया लेकिन बाद में चुनाव आयोग ने कर्नाटक से चार, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश से एक-एक सीट पर चुनाव कराने की घेषणा की।
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जानिए किसे कहां मिली जीत
आंध्र प्रदेश : आंध्र प्रदेश की चारों राज्यसभा की सीटों पर वाईएसआर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। यहां वाईएसआर कांग्रेस उम्मीदवार पिल्ली सुभाष चंद्र बोस, मोपीदेवी वेंकट रमन्ना, अयोध्या रामीरेड्डी, परिमाल नाथवानी ने जीत का स्वाद चखा है जबकि, तेलुगूदेशम पार्टी के वर्ला रामैया को हार का सामना करना पड़ा है।
मध्यप्रदेश : मध्य प्रदेश में बीजेपी से ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी राज्यसभा पहुंचे हैं जबकि कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह राज्यसभा सांसद चुने गए हैं।
राजस्थान : राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों पर हुए चुनाव में दो पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है जबकि एक सीट बीजेपी के खाते में गई है। जिन दो सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है उनमें एक केसी वेणुगोपाल की और एक नीरज डागी की है।
झारखंड : राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनावी मैदान में सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के अध्यक्ष शिबू सोरेन के अलावा मुख्य विपक्षी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और कांग्रेस के शहजादा अनवर उम्मीदवार थे। झारखंड में एक सीट झामुमो तो दूसरी भाजपा के खाते में गई है। कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है।
मेघालय : मेघालय से भी राज्यसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं। यहां नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के उम्मीदवार डब्ल्यूआर खरलुखी ने जीत दर्ज की है। जबकि कांग्रेस उम्मीदवार कैनेडी खीरीयम को हार का सामना करना पड़ा।
गुजरात : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता नरहरि अमीन, अजय भारद्वाज, रामिलाबेन बारा और कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल गुजरात से राज्यसभा सदस्य चुने गए हैं।
मणिपुर: मणिपुर की एकमात्र राज्यसभा सीट भाजपा के खाते में गई है। भाजपा ने यहां की एक सीट पर लीसेम्बा सानाजाओबा को और कांग्रेस ने टी मंगी बाबू को उम्मीदवार बनाया था।
मिजोरम: मिजोरम में राज्यसभा की एक सीट पर हुए मतदान के लिए भाजपा के एकमात्र विधायक ने मदतान में हिस्सा नहीं लिया जिसके चलते राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सहयोगी एमएनएफ की उम्मीदवारी एक त्रिकोणीय मुकाबले में फंस गई है।
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