दो फेज में होगा गुजरात विधानसभा चुनाव, जानें पिछले पांच विधानसभा चुनावों का लेखा-जोखा
गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 को अल्पेश ठाकोर, हार्दिक पटेल और जिग्नेष मेवाणी ने दिलचस्प बना दिया है
नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। चुनाव आयोग ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। गुजरात में दो चरण में चुनाव होगा, पहले चरण में 89 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा। पहले चरण के लिए 9 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। दूसरे चरण में 93 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा, दूसरे चरण के लिए 14 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। वोटों की गिनती 18 दिसंबर को होगी। पहले फेज में 19 जिले में वोटिंग होगी, तो वहीं दूसरे फेज में 14 जिले में वोट डाले जाएंगे। प्रेस कान्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति ने कहा कि गुजरात की 182 सीटों पर कुल 4.30 करोड़ वोटर हैं। चुनावों के लिए 50,128 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि गुजराती भाषा में भी वोटिंग गाइड दी जाएगी। चुनावों में VVPAT का इस्तेमाल होगा। नजर डाल लेते हैं गुजरात के पिछले पांच विधानसभा चुनावों के परिणामों पर।
गुजरात विधानसभा चुनाव 2012
2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल की थी। राज्य की 182 सीटों में से बीजेपी ने 115, कांग्रेस 61 और अन्य को 4 सीटें मिली थी।
गुजरात विधानसभा चुनाव 2007
गुजरात राज्य की स्थापना 1960 में हुई थी। गुजरात विधानसभा की 182 सीटें हैं, जिनमें साल 2007 के चुनाव में सत्ताधारी बीजेपी को 117 सीटें मिली थी, जबकि प्रमुख विपक्षी कांग्रेस को महज़ 59 सीटें मिलीं।
गुजरात विधानसभा चुनाव 2002
नरेंद्र मोदी के सीएम बनने के बाद साल 2002 में हुए विधान सभा चुनाव में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत हासिल किया। उसके बाद साल 2007 और 2012 के विधान सभा चुनाव में भी बीजेपी ने मोदी के नेतृत्व में जीत हासिल की।
गुजरात विधानसभा चुनाव 1998
विधानसभा के दो बार मध्यावधि चुनाव हुए, पहली बार 1975 में तथा दूसरी बार 1998 में। 1998 विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी का पलड़ा भारी रहा था।
गुजरात विधानसभा चुनाव 1995
साल 1995 में पहली बार बीजेपी ने अकेले अपने दम पर गुजरात में दो-तिहाई बहुमत वाली सरकार बनायी थी। उस समय नरेंद्र मोदी की उम्र करीब 45 साल थी। माना जाता है कि बीजेपी की जीत में युवा नेता मोदी की चुनावी रणनीति की अहम भूमिका रही थी। पार्टी की अंदरूनी राजनीति की वजह से मोदी को उसी साल गुजरात से केंद्र भेज दिया गया था।
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