चीनी हेलिकॉप्टरों के जवाब में भारत ने सीमा पर तैनात किए एयर डिफेंस सिस्टम से लैस सैनिक
नई दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत-चीन के बीच तनाव की स्थिति हिंसक झड़क की घटना के 3 महीने बाद भी जस की तस बनी हुई है। सीमा के करीब चीन के हेलिकॉप्टरों के जवाब में अब भारत ने कंधे से हवा में वार करने वाली वायु रक्षा मिसाइलों से लैस सैनिकों को तैनात कर दिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेना ने रूसी हवाई डिफेंस सिस्टम से लैस जाबांज सैनिकों को सीमा पर महत्वपूर्ण ऊंचाई पर तैनात किया है। इसका उद्देश्य दुश्मन के विमानों पर नजर रखना है।
Recommended Video
गौतलब है कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में एलओसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से ही वहां तनाव की स्थिति बनी हुई है। सीमा पर लगातार सैन्य गतिविधियां बढ़ा रहे चीन को भारत की तरफ से भी ईंट का जवाब पत्थर से दिया जा रहा है। भारतीय सेना ने दुश्मन के विमानों पर नजर रखने के लिए अब सीमा के करीब महत्वपूर्ण ऊंचाई पर कंधे से हवा में वार करने वाली वायु रक्षा मिसाइलों के साथ सैनिकों को तैनात किया है। दुश्मन के विमान भारतीय हवाई क्षेत्र का उल्लंघन ना कर सकें इसलिए रडार और सतह से हवा में वार करने वाली मिसाइल प्रणाली की तैनाती के जरिए सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गई है।
यह भी पढ़ें: कोविड के बढ़ते कहर के बीच राहत भरी खबर, भारत में कोरोना का रिकवरी रेट 75 फीसदी से अधिक पहुंचा
एएनआई के मुताबिक सैनिकों की तैनाती पूर्वी लद्दाख सेक्टर में गलवान घाटी और पैट्रोलिंग पॉइंट 14 जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर की गई है। बताया जा रहा है कि कई चीनी हेलिकॉप्टरों ने फ्लैशपॉइंट के पास भारतीय क्षेत्र के अंदर आने की कोशिश की थी। इससे पहले मई में भारतीय वासु सेना ने लद्दाख के संभावित क्षेत्रों में चीनी हेलिकॉप्टरों की घुसपैठ को रोकने के लिए अपने Su-30MKI को तैनात किया था। उधर, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स ने हाल ही में अपने कई ठिकानों को अपग्रेड किया है, इसके साथ ही चीन ने कई क्षेत्रों में अपनी निगरानी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए वहां हेलिपैड का एक नेटवर्क भी बनाया है।