मोदी सरकार के चार साल: सर्जिकल स्ट्राइक्स से बढ़ी भारत की शान, OROP से मिला जवानों को सम्मान
नई दिल्लीः 26 मई 2018 को मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के चार साल पूरे कर लिए। चार साल पूरा होने पर मोदी सरकार के मंत्रियों, सांसदों और भाजपा नेताओं ने सरकार की चार साल की उपलब्धियों की बात की। इन चार सालों में मोदी सरकार के सामने वन रैंक वन पेंशन एक बड़ा मुद्दा था, जिसे मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में पूरा कर दिया। इससे देश के लाखों भूतपूर्व सैनिकों को उनका हक मिला।
वन रैंक वन पेंशन से मिला भूतपूर्व सैनिकों को उनका हक
वन रैंक वन पेंशन लाखों भूतपूर्व सैनिकों से संबंधन रखने वाला मुद्दा था। सैनिकों ने बिना किसी डर से राष्ट्र की रक्षा की थी। रक्षा मंत्रालय ने पहले सैनिकों को उनका हक दिया तो वहीं, मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में दूसरी बड़ी खबर भी इसी मंत्रालय से ही आई, जब सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को चौंका दिया।
31.12.2017 से वन रैंक वन पेंशन लागू कर दिया गया
रक्षा मंत्रालय ने वन रैंक वन पेंशन पर 30.09.2017 को नोटिफिकेशन जारी करके इसकी सूचना दी। 31.12.2017 से वन रैंक वन पेंशन लागू कर दिया गया। सीजीडीए की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के भूतपूर्व सैनिकों को चार किस्तों में पेंशन के पैसे दे दिए गए। पहली किस्त में 4,161.45 करोड़, दूसरी किस्त में 2,397.22 करोड़, तीसरी किस्त में 2,320.7 करोड़ और चौथी किस्त में 1,859.72 करोड़ रुपये देश के सैनिकों को दे दिए गए। सरकार ने वन रैंक वन पेंशन में 10,739.09 करोड़ एरियर दिया। वन रैंक वन पेंशन को चार स्लैब में बांटा गया था, जिसमें 20,43,354 पूर्व सैनिक/ परिवार( जिसे पेंशन मिलती है), 15,94,063 पूर्व सैनिक, 15,71,744 पूर्व सैनिक, 13,28,313 पूर्व सैनिक हैं। इनमें जवानों से लेकर अफसर शामिल थे।
पूर्व सैनिकों के परिवारों को मिले कई लाभ
वन रैंक वन पेंशन के अलावा मोदी सरकार ने पूर्व सैनिकों को और भी कई लाभ दिए। साल 2015-16 में प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृत्ति के पैसे को 4000 से बढ़ाकर 5000 कर दिया गया। बेटी की शादी के लिए 16000 की राशि को 50000 कर दिया गया। (ये अप्रैल 2016 से लागू होगा) केन्द्रीय सैनिक बोर्ड द्वारा 11 मार्च 2016 से वेब पार्टल शुरू किया गया।
पनडुब्बी आईएनएस कलवारी से बढ़ी भारतीय नौसेना की ताकत
भारतीय नौसेना की ताकत को बढ़ाने के लिए पीएम मोदी ने 14 दिसंबर 2017 को नौसेना पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को समर्पित की। इसके अलावा दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्राह्मोस ने लड़ाकू विमान सुखोई -30 एमकेआई के साथ एयर से सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया। दुश्मनों देशों को ताकत दिखाने के लिए ये काफी अहम था। जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल आकाश को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। पहली बार भारत और रूस के बीच पहली अक्टूबर, 2017 में ट्राई सर्विस इंद्रिरा आयोजित की गई थी। देश के शहीदों को सम्मान देने के लिए सशस्त्र बलों ध्वज दिवस मनाने का फैसला किया गया।
सेना के जवानों को मिली कई सुविधाएं
सेना के जवानों को सुविधा देने के लिए रक्षा यात्रा प्रणाली शुरू की गई है, जिसमें डिफंस यूनिट पर ऑनलाइन टिकट बुक कराने की सुविधा दी जाएगी। रेलवो और वायु सेना द्वारा एक मॉडल विकसित किया जा रहा है। 28 दिसंबर 2017 तक, मौजूदा 10675 सेना यूनिट में से 5759 रक्षा इकाइयों को कवर कर लिया गया है। इसमें अभी तक 2,19,969 लाभार्थियों को नामांकित किया गया है। इसमें प्रति माह 70 करोड़ रुपये का खर्च आता है। इससे अभी तक 5.1 लाख टिकट बुक किए जा चुके हैं।
वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए उठाए कदम
वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए भी मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 6 जनवरी 2018 को बैठक में 'Make-II'की प्रकिया को मंजूरी दे दी गई। भारत सरकार ने 23 सितंबर, 2016 को 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए फ्रांस सरकार के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। राफेल की डिलीवरी सितंबर 201 9 में शुरू होगी और अप्रैल 2022 तक पूरा हो जाएगी। वहीं, 26 दिसंबर 2016 को AGNI-V की सफल परीक्षण किया गया। इस परीक्षण से भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं में बढ़ोतरी हुई।
भारतीय सेना ने की सर्जिकल स्ट्राइक
भारत एक ओर तो अपनी ताकत को बढ़ा रहा है तो वहीं सेना ने पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिया। 29 सितंबर, 2016 को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने भारतीय सेना पर हमला किया और इसमें कई जवान शहीद हो गए। इसके बाद भारतीय सेना ने 18 सितंबर 2016 को सर्जिकल स्ट्राइक करके पाकिस्तानी आतंकवादियों के कई बंकर नष्ट कर दिए।
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