CAA, NRC और NPR के खिलाफ तेलंगाना की विधानसभा में भी पास किया गया प्रस्ताव
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ सोमवार को तेलंगाना विधानसभा में प्रस्ताव पास किया गया। इस दौरान विधानसभा में सीएम के. चंद्रशेखर राव ने कहा, 'ऐसे लाखों लोग हैं जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं। नागरिकता संशोधन कानून पर केंद्र सरकार को दोबारा विचार करना चाहिए। तेलंगाना के अलावा कई राज्य नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर चुके हैं।
केरल, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश विधानसभा में भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और एनआरसी का अधिकांश विपक्षी दल विरोध करते रहे हैं और इसके खिलाफ देश के अधिकांश भागों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इस दौरान कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन भी हुए जिसमें कई लोगों की जान चली गई।
ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र में Coronavirus के 4 नए केस आए सामने, 38 पहुंचा संक्रमित मरीजों का आंकड़ा
नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग में मुस्लिम महिलाएं 15 दिसंबर से ही धरने पर बैठी हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट में भी नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर याचिका दायर की गई है। नागरिकता संशोधन कानून पर विपक्ष का आरोप है कि ये कानून मुस्लिमों से भेदभाव करता है जबकि सरकार का कहना है कि इस कानून का देश के नागरिकों से कोई लेना-देना नहीं है, ये तीन देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने वाला कानून है।
नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आने वाले हिंदू, बौद्ध, सिख, पारसी, जैन और ईसाई समुदाय के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है। इस संबंध में संसद के दोनों सदनों में बिल पारित हुआ था। इस बिल पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर होने के बाद ये कानून बन गया।
कपिल सिब्बल बोले, कोई नहीं कह रहा है कि सीएए किसी की नागरिकता वापस लेगा