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मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत की असली वजह भूख है ना कि लीची- रेणुका शहाणे

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नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) से मरने वालों बच्चों की संख्या 113 तक पहुंच गई है। इसे लेकर पूरे देश में चिंता जताई जा रही है। अभिनेत्री रेणुका शहाणे ने इसे लेकर सोशल मीडिया में पोस्ट लिखी है। फेसबुक में लिखी अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) से मरने वालों बच्चों की असली वजह भूख है ना कि मौसमी लीची खाना। उन्होंने सवाल पूछते हुए लिखा है कि क्या इसका कोई इलाज है। उन्होंने खराब स्वास्थ प्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं।

'मरने की असली वजह भूख है'

'मरने की असली वजह भूख है'

रेणुका शहाणे ने फेसबुक में लिखा कि बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस से 108 लोगों की मौत हो गई है। मरने वाले बच्चे गरीब परिवारों से थे। इस प्रकार के सिंड्रोम कई कारणों से होते हैं, कुपोषण उनमें से एक है। । बिहार के मुजफ्फरपुर में पैदा होने वाली लीची में एक विषाक्त पदार्थ होता है जो कुपोषित बच्चों के लिए हानिकारक है। क्या भूख मिटाने के लिए उन्हें इन मौसमी फलों को नहीं खाना चाहिए। इंसेफेलाइटिस से मौत की वजह सही समय पर इलाज ना मिलना है। उन्होंने स्वास्थ सुविधाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि दूरस्थ, ग्रामीण क्षेत्रों में हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर होती या बच्चों को इलाज के लिए बड़े शहरों में लाया जाता तो बच्चों को बचाया जा सकता था।

क्या भूख का कोई इलाज है?

रेणुका शहाणे ने आगे लिखा है कि क्या भूख का कोई इलाज है। हम इस त्रासदी को इसलिए खारिज कर रहे हैं क्योंकि गरीब बच्चे मर रहे हैं। हम इस मानवीय मानवीय त्रासदी को नजरअंदाज करते हैं क्योंकि वे हमारे जैसे नहीं हैं। अगर हमारे बच्चे में से एक को भी स्कूल में मामूली खरोंच आती है, तो हम नाराज हो जाते हैं। लेकिन जब ये गरीब बच्चों के बारे में होती हे तो हमारी सहानुभूति सूख जाती है। उन्हें आगे लिखा कि आशा है कि हम जल्द ही तुम्हारी भूख का समाधान खोज लेंगे। क्योंकि इच्छाशक्ति के अलावा कोई रास्ता नहीं है।

नीतीश का हुआ विरोध

नीतीश का हुआ विरोध

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) पहुंचे थे। यहां उन्होंने हालात का जायजा लिया और डॉक्टरों से पूरी स्थिति की जानकारी ली। अस्पताल के बाहर नीतीश कुमार को आम लोगों के भारी विरोध का भी सामना करना पड़ा। नीतीश के पहुंचने पर एसकेएमसीएच हॉस्पिटल के बाहर जमा लोगों ने उनका विरोध करते हुए नीतीश कुमार वापस जाओ के नारे लगाए और व्यवस्था की बदहाली पर अपने गुस्से का इजहार किया। इससे पहले रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे और बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे भी मुजफ्फरपुर पहुंचे थे। हर्षवर्धन ने श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पीड़ित बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की थी। हर्षवर्धन को भी विरोध का सामना करना पड़ा था।

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर: कांग्रेस की महिला नेता का चिराग पासवान पर आरोप, बच्चों की मौतों के बीच गोवा में कर रहे हैं पार्टी

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English summary
Renuka Shahane says Muzaffarpur kids death due to Hunger Not eat Lychees
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