पीएम मोदी की टिप्पणी से नाराज रेणुका चौधरी, बोलीं: जवाब देने के लिए मैं उस स्तर तक नहीं जा सकती
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी पर की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। खुद रेणुका चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने निजी टिप्पणी की, आप उनसे क्या उम्मीद करते हैं? उनको जवाब देने के लिए मैं उस स्तर तक नहीं जा सकती। वास्तव में एक औरत का का दर्जा कुछ इस तरह से ही नीचा किया जाता है। दरअसल, प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रेणुका चौधरी हंस रही थी। इसी पर पीएम मोदी ने कहा कि रामायण सीरियल के बाद ऐसी हंसी सुनी है। पीएम मोदी ने रेणुका चौधरी पर यह तंज कसा तो कांग्रेस के सांसद हंगामा करने लगे हालांकि उपसभापति वैंकेया नायडू ने सभी को चुप कराया। पीएम की इस टिप्पणी पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि - 'प्रधानमंत्री जी ने रेणुका चौधरी जी की हँसी की तुलना रावण से की,अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है की देश के सर्वोच्च सदन में हमारे प्रधान सेवक एक महिला पर ऐसी टिप्पणी करते हैं।'
मुझे भी गांधी जी वाला ही भारत चाहिए
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना किसी दल के लिए नहीं देश के लिए है और अगर कांग्रेस को लगता है कि इसमें कुछ कमी है तो वो सामने आए, मैं खुद समय दूंगा। पीएम ने कहा कि कांग्रेस का 50-55 साल तक सत्ता में रहने पर ज़मीन से कट जाना बड़ा स्वाभाविक है। पीएम ने कहा कि मुझे भी गांधी जी वाला ही भारत चाहिए क्योंकि गांधी जी ने कहा था कि आजादी मिल गई है, अब कांग्रेस को खत्म कर देना चाहिए। कांग्रेस मुक्त भारत का विचार हमारा नहीं गांधी जी का विचार था...हम तो बस उनके पद चिह्नों पर चलने की कोशिश कर रहे हैं।
मौत के जिम्मेदार को जहाज में बिठा कर विदेश ले जाया जाए?
मोदी ने कहा कि आपको (कांग्रेस) वो भारत चाहिए जहां बड़ा पेड़ गिरने के बाद हज़ारों सिखों का कत्ले आम हो जाए। पीएम ने कहा कि आपको (कांग्रेस) वो भारत चाहिए जहां हजारों लोगों की मौत के जिम्मेदार को जहाज में बिठा कर विदेश ले जाया जाए? प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने 28 साल तक बेनामी संपत्ति कानून को लागू नहीं किया, इसको किसने रोका कांग्रेस बता दे। अब तक इस कानून से 3,500 करोड़ से ज़्यादा की बेनामी संपत्ति जब्त हुई है, अब आपके राज में इतनी बेनामी संपत्ति बनी इसका भी क्रेडिट आपको जाना चाहिए।
रेलवे की योजनाएं बंद करनी पड़ी
मोदी ने कहा कि हमको रेलवे की योजनाएं बंद करनी पड़ी क्योंकि पिछली सरकारों की 1500 से ज्यादा परियोजनाएं घोषित कर दी जिनको बाद में कोई देखने वाला नहीं था। 30 साल - 40 साल पुराने 9 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट हमने शुरू किये हैं।