जासूसी मामले में वॉट्सएप ने कहा, सभी यूजर्स की सुरक्षा के लिए कंपनी प्रतिबद्ध है
नई दिल्ली। वॉट्सएप चैट की जासूसी मामले में अब वॉट्सएप प्रशासन का बयान आया है। जिसमें उसने कहा है कि हम सभी यूजर्स की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम भारत सरकार से सहमत हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम यूजर्स को हैकर्स से बचाएं, ताकि वह किसी की भी सुरक्षा को हानि ना पहुंचा सकें।
कंपनी का कहना है कि भारत में जासूसी की बात इस साल मई में सरकार को बता दी गई थी। कंपनी ने कहा कि हमें इस बात का मई में पता चला था कि भरत में कुछ लोगों की निजता के साथ उल्लंघन हुआ है। इसका पता चलते ही हमने इसे तुरंत ठीक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
कंपनी का कहना है कि उसके लिए निजता और सुरक्षा ही प्राथमिकता हैं। इस मामले को मई में ही प्राथमिकता के साथ सुलझाया गया है। इस बात की जानकारी भारतीय प्रशासन को भी दी गई थी। इसके बाद हमने उन लोगों की पहचान करने के लिए काम किया, जिन्हें निशाना बनाया गया था। ऐसा इसलिए ताकि अंतरराष्ट्रीय अदालतों को बताया जा सके कि इसके पीछे एनएसओ ग्रुप का हाथ है।
वॉट्सएप ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि जासूसी के लिए वीडियो कॉलिंग की गई और पेगासस नाम के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया है। वॉट्सएप ने इस्राइल के एनएसओ ग्रुप के खिलाफ फेडरल कोर्ट, सैन फ्रांसिस्को में मुकदमा दायर किया है। कंपनी ने इससे पहले ये बात भी बताई थी कि इस्राइल के इस पेगासस सॉफ्टवेयर से कई भारतीय कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की जासूसी की गई थी। हैरानी की बात तो ये है कि ऐसा लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ था। ऐसे में विपक्षी पार्टियां सरकार पर ही आरोप लगा रही हैं।
क्या बोली सरकार?
इस मामले पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि सरकार वॉट्सएप पर भारतीय नागरिकों की गोपनीयता के उल्लंघन से चिंतित है। इसके लिए मैसेजिंग प्लैटफॉर्म से जवाब मांगा गया है। कंपनी को 4 नवंबर तक जवाब देना है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिन लोगों की जासूसी की गई है, उनमें नक्सलवाद या मानवाधिकारवादी आंदोलनों से सहानुभूति रखने वाले लोग भी शामिल हैं।
कैसे फोन हैक करता है पेगासस?
दरअसल पेगासस की मदद से किसी भी फोन को हैक करने के कई तरीके होते हैं। इसके लिए कई बार हैकर्स लिंक की मदद लेते हैं तो कई बार एप इंस्टॉल करवाया जाता है। वॉट्सएप के मामले में कॉलिंग फीचर की मदद ली गई थी। सॉफ्टवेयर को फोन में इंस्टॉल करने के लिए वॉट्सएप के वीडियो और ऑडियो कॉलिंग फीचर का इस्तेमाल हुआ है। जिसके जरिए भारत समेत कई देशों के करीब 1,400 लोगों की चैट की जासूसी की गई है।
29 अप्रैल-10 मई के बीच हुई जासूसी
वॉट्सएप ने ये भी कहा है कि जासूसी 29 अप्रैल से 10 मई के बीच में की गई है। वॉट्सएप को मई में इस बात का पता चला और फिर कंपनी ने इसे ब्लॉक कर दिया। इसके बाद कंपनी के साथ इस मामले की जांच ग्रुप सिटीजन लैब ने की है। इन्होंने लोगों से संपर्क कर उन्हें बताया कि उनका फोन निशाने पर है।
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