हरियाणा के चुनाव में अहम होगी धार्मिक संगठनों की भूमिका, डेरा सच्चा सौदा और सतलोक आश्रम पर नजर
नई दिल्ली। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए तमाम राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है। सभी राजनीतिक दल इस बार चुनाव में किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। एक तरफ जहां सभी राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने में जुटे हैं तो दूसरी तरफ यहां के धार्मिंक संगठनों ने अभी तक इस बात का ऐलान नहीं किया है कि वह इस चुनाव में किस पार्टी का समर्थन करेंगी। तमाम राजनीतिक दल इन संगठनों का समर्थन हासिल करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।
डेरा सच्चा सौदा अहम
गुरमीत राम रहीम का संगठन डेरा सच्चा सौदा की लोगों में काफी पैठ हैं, हालांकि राम रहीम फिलहाल जेल में बंद हैं। उनके उपर रेप और हत्या का केस दर्ज है। डेरा सच्चा सौदा में 15 सदस्यीय राजनीतिक कमेटी है जोकि इस बात का फैसला लेती है कि वह किस राजनीतिक दल को अपना समर्थन देगी। संगठन की राजनीतिक ईकाई के सदस्य जोगिंदर सिंह ने बताया कि हम इस बाबत बैठक कर रहे हैं कि किस राजनीतिक दल का समर्थन करना है, हम लोगों की राय ले रहे हैं।
जेल में बंद है रामपाल
जोगिंदर सिंह ने बताया कि एक बार जब हम फैसला ले लेंगे तो इस बारे में आपको सूचित करेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव के एक दिन पहले भी हमारा ऐलान अपने समर्थकों को गाइड करने के लिए काफी है। एक और डेरा की बात करें तो यह है सतलोक आश्रम जिसके मुखिया गुरू रामपाल हैं। गुरु रामपाल भी 2014 नवंबर से जेल में बंद हैं। रामपाल की गिरफ्तारी के दौरान भड़की हिंसा में काफी लोग घायल हुए थे, जिसके बाद भारी सुरक्षाबलों की तैनाती के बाद रामपाल को गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि इस बार लोकसभा चुनाव में डेरा ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया था। पिछले वर्ष मध्य प्रदेश के चुनाव में भी डेरा ने कांग्रेस का समर्थन किया था।
राजनीतिक दलों की नजर
गुरु रामपाल के के डेरा के मीडिया प्रभारी चंद राठी ने बताया कि लोकसभा चुनाव की तुलना में विधानसभा चुनाव में मुद्दे अलग होते हैं। हम अपने नेताओं से 15 अक्टूबर को मिलेंगे और संगठन के तमाम लोगों व समर्थकों से राय लेने के बाद इस बात का ऐलान किया जाएगा कि किस राजनीतिक दल का समर्थन करना है। राठी ने दावा किया है कि हमारे समर्थकों का रोहतक और आसपास की सीटों पर सीधा प्रभाव है। इसके अलावा कई अन्य छोटे-छोटे धार्मिक संगठन हैं जिनकी भूमिक अहम हो सकती है। इसमे डेरा बाबा श्री बालक पुरी, डेरा गोकरन धाम भी हैं, जिनपर राजनीतिक दलों की नजर रहेगी।