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रिलायंस JIO का पलटवार, Airtel & Vodafone से 30 गुना अधिक जोड़े नए ग्राहक!

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बेंगलुरू। महज तीन वर्ष में भारत की शीर्ष टेलीकॉम कंपनियों में शुमार हुई रिलायंस जियो ने तमाम झंझावत को पार करते हुए टेलीकॉम इंडस्ट्री में एक बार अपनी बादशाहत कायम रखने में कामयाब रही है। माना जा रहा था की आईयूसी संकट के चलते रिलायंस जियो के सब्सक्राइबर्स की संख्या में गिरावट दर्ज होगी।

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पिछले तीन महीने के आंकडों पर गौर करने के बाद पता चलता कि रिलायंस जियो की सब्सक्राइबर्स की संख्या गिरावट नहीं बल्कि इजाफा हुआ है, वह भी कुल 91 लाख सब्सक्राइबर्स का। जी हां, यह सचमुच रिलायंस इंफोकॉम और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी के लिए राहत की खबर है।

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बताया जाता है टेलीकॉम कंपनी रिलायंस इंफोकॉम में अकेले अक्टूबर महीने में 91 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स जुड़े हैं, जिसके बाद कंपनी का कुल सब्सक्राइबर बेस 36.43 करोड़ हो गया है। इसकी पुष्टि टेलिकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अपनी नई डाटा रिपोर्ट में दी है।

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दिलचस्प बात यह है कि यह रिलायंस जियो के ग्राहकों की संख्या तब बढ़ी है जब कंपनी ने 6 पैसा प्रति मिनट की दर से IUC वसूलना शुरू किया था। रिलायंस जियो ने ट्राई को दोषी ठहराते हुए गत 9 अक्टूबर को घोषणा करते हुए अपने ग्राहकों को बताया था कि वो दूसरे नेटवर्क पर कॉल करने के लिए यूजर्स से 6 पैसा प्रति मिनट चार्ज करेगी।

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गौरतलब है ट्राई द्वारा आईयूसी की वैधता शून्य नहीं करने से रिलायंस इंफोकॉम ने गत 10 अक्टूबर से अपने ग्राहकों से दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए 6 पैसे प्रति मिनट की दर से अतिरिक्त शुल्क वसूलने शुरू कर दिए थे। दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए ग्राहकों से अतिरिक्त पैसे वसूलने की घोषणा के बाद रिलायंस इंफोकॉम को भी सब्सक्राइबर्स में गिरावट की आशंका थी।

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शायद इसलिए उसने विभिन्न पैकेज के जरिए अपने ग्राहकों की क्षतिपूर्ति करने की भरसक कोशिश की थी। यही कारण है कि रिलायंस जियो के ग्राहक जियो के साथ बने रहे, जो पिछले तीन वर्ष मुफ्त अनलिमिटेड वॉयस कॉल और सस्टे टैरिफ वाले डेटा का लाभ ले रहे थे।

यह भी पढ़ें- जियो लांचिंग के 3 वर्ष बाद पहली बार एयरटेल-वोडाफोन के बुने जाल में फंस गए मुकेश अंबानी

एयरटेल-वोडाफोन की लॉबिंग से नहीं रद्द हो सकी IUC की वैधता

एयरटेल-वोडाफोन की लॉबिंग से नहीं रद्द हो सकी IUC की वैधता

कहा जाता है कि एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया की लॉबिंग के चलते आईयूसी की वैधता रद्द नहीं हो सकी थी जबकि पूर्व ट्राई चेयरमैन आरएस सरमा ने वर्ष 2014 में ही तत्कालीन तीन शीर्ष कंपनियों को आईयूसी की वैधता शून्य करने का प्रस्ताव किया था, लेकिन करीब तीन वर्ष तक तीनों कंपनियों मामले को दबाए रखा और अपने ग्राहकों से मनमाने टैरिफ वसूलते रहे।

4 जी नेटवर्क पर जियो की बाध्यता का फायदा उठा रही थी कंपनियां

4 जी नेटवर्क पर जियो की बाध्यता का फायदा उठा रही थी कंपनियां

5, सितंबर, 2016 टेलीकॉम इंडस्ट्री में रिलायंस जियो का आगाज हुआ तो तीनों शीर्ष कंपनियों को हेकड़ी बंद हो गई और यूजर्स तेजी से रिलायंस जियो से जुड़ गए। लेकिन 4 जी नेटवर्क पर रिलायंस जियो की बाध्यता का फायदा उठाते हुए एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने ट्राई पर दवाब बनाकर आईयूसी की वैधता शून्य नहीं होने दिया, जिससे प्रति वर्ष तीनों कंपनियों को बिना कुछ सेवा दिए रिलायंस जियो से 45000 करोड़ रुपए मिल रहे थे।

अक्टूबर में जियो के सब्सक्राइबर्स बेस में 91 लाख नए ग्राहक जुड़े

अक्टूबर में जियो के सब्सक्राइबर्स बेस में 91 लाख नए ग्राहक जुड़े

एक तरफ जहां रिलायंस जियो के सब्सक्राइबर्स बेस में अकेले अक्टूबर माह में 91 लाख नए ग्राहक जुड़े हैं। वहीं, इसी माह में वोडाफोन-आइडिया की सब्सक्राइबर्स बेस में महज 1.9 लाख की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है, जिसके बाद इनका सब्सक्राइबर बेस 37.27 करोड़ हो गया है। वहीं, भारती एयरटेल ने इसी महीने में सिर्फ 81,974 यूजर्स को अपने साथ जोड़ पाई है, जिसके बाद एयरटेल का सब्सक्राइबर बेस 32.56 करोड़ हो गया है। ट्राई द्वारा जारी किए गए उक्त आंकड़े अक्टूबर के आखिरी तक के हैं। अक्टूबर महीने में वायरलेस टेलिकॉम सब्सक्राइबर्स 118.34 करोड़ हो गए जो सितंबर में 117.37 करोड़ थे।

ट्राई ने 1 जनवरी 2021 तक बढ़ा दिया है आईयूसी की बाध्यता

ट्राई ने 1 जनवरी 2021 तक बढ़ा दिया है आईयूसी की बाध्यता

आंकड़ों को देखने के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि रिलायंस जियो आईयूसी की बाध्यता के बाद भी अन्य टेलीकॉम कंपनियों से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है जबकि ट्राई ने आईयूसी की बाध्यता को 1 जनवरी 2021 तक बढ़ा दिया है। हालांकि माना जा रहा है कि आने वाले माह में रिलायंस जियो की सब्सक्राइबर्स संख्या में गिरावट दर्ज होती देखी जा सकती हैं, क्योंकि ग्राहक 2021 तक दूसरे नेटवर्क पर 6 पैसे प्रति मिनट तक अतिरिक्त शुल्क अदा करने अनिच्छुक हो सकता है, क्योंकि एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया कंपनियों ने आईयूसी का अतिरिक्त शुल्क अपने ग्राहकों से नहीं ले रही है और ग्राहकों दूसरे नेटवर्क पर भी प्लान के साथ मुफ्त अनलिमिटेड वॉयस कॉल की सुविधा दे रही है।

2G, 3G और 4G की कुल सब्सक्राइबर्स हुई 1,183.4 मिलियन

2G, 3G और 4G की कुल सब्सक्राइबर्स हुई 1,183.4 मिलियन

ट्राई द्वारा जारी बयान के मुताबिक 2G, 3G और 4G मिलाकर कुल वायरलेस सब्सक्राइबर्स सितंबर महीने में 1173.75 मिलियन थे, जो अक्टूबर में बढ़कर 1,183.40 मिलियन हो गए। इसमें 0.82 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई है। साथ ही यह भी कहा कि शहरी इलाकों में वायरलेस सब्सक्रिप्शन्स सितंबर महीने में 659.18 मिलियन थे, जो अक्टूबर में बढ़कर 662.92 मिलियन हो गए हैं। वहीं, ग्रामीण इलाकों में वायरलेस सब्सक्रिप्शन्स सितंबर महीने में 514.56 मिलियन थे, जो अक्टूबर में बढ़कर 520.48 मिलियन हो गए हैं। शहरी और ग्रामीण इलाकों में वायरलेस सब्सक्रिप्शन की मासिक का बढ़ोतरी आंकड़ा क्रमश: 0.57 फीसद और 1.15 फीसदी है।

Comments
English summary
Interestingly, this increased the number of customers of Reliance Jio when the company started charging IUC at the rate of 6 paise per minute. Blaming TRAI, Reliance Jio had announced to its customers on October 9, announcing that it would charge users 6 paise per minute for making calls on other networks.
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