महिला चाहती थी दान करना संपत्ति, मौत के बाद रिश्तेदारों ने छिपा दी वसीयत, लूट लिए गहने और कैश
मुंबई। देश की औद्योगिक राजधानी मुंबई में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर आप सन्न रह जाएंगे। पुलिस ने 80 वर्षीय एक मृत महिला से चोरी करने के आरोप में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में लगभग सभी महिला के रिश्तेदार ही हैं। वहीं उनके (गिरफ्तार लोगों के) वकील का दावा है कि उन्होंने मृत महिला की संपत्ति दान में देने के लिए उनकी इच्छा का पालन किया है। मुंबई मिरर में छपी खबर के मुताबिक महिला का नाम सुशीलाबेन है। विस्तार से जानिए पूरा मामला
सुशीलाबेन का नहीं था कोई अपना बेटा
पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार लोगों की उम्र 44 साल से 74 साल के बीच है। इनमें कोई सुशीलाबेन का भाई है तो कोई भतीजा। दो लोग सुशीलाबेन के भांजे हैं। गिरफ्तार दो रिश्तेदारों को खुद सुशीलाबेन ने अपनी वसीयत का जमानती नियुक्त किया था। सुशीलाबेन चाहती थीं कि उनकी संपत्ति का अधिकतर हिस्सा पशु अस्पताल और तीन मंदिरों में बराबर-बराबर बांट दिया जाए। पुलिस ने बताया कि सुशीलाबेन के निधन के बाद आरोपियों ने उनकी वसीयत छिपा दी। इतना ही नहीं उन्होंने सुशीलाबेन के पास मौजूद गहने और कैश भी चोरी कर लिए।
सुशीलाबेन के एक भतीजे ने उठाया पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक इस पूरे मामले को सुशीलाबेन के एक भतीजे ने उठाया। उसने दावा किया कि आरोपियों ने सुशीलाबेन की संपत्ति को प्रोबेट नहीं किया। पुलिस ने इस पूरे मामले में आरोपियों के पास से कुछ सबूत भी एकत्र किए हैं। पुलिस को एक वीडियो भी मिला है जिसमें साफ देखा जा सकता है कि एक आरोपी सुशीलाबेन के लॉकर से गहने चोरी कर रहा है। इस संबंध में केस दर्ज कर लिया गया है। वहीं आरोपियों के वकील का दावा किया है कि वो सुशीलाबेन की इच्छा का पालन कर रहे थे ताकि वह अपना धन दान कर सकें।
क्या लिखा था सुशीलाबेन ने अपनी वसीयत में
वॉकेश्वर के चंद्रलोक भवन में रहने वाली सुशीलाबेन का पिछले साल 14 जुलाई को निधन हो गया था। उन्होंने अपनी वसीयत में लिखा था कि उनकी बहन दीपिका झवेरी को उनकी संपत्ति से 11 लाख रुपये मिलने चाहिए। इसके अलावा, 15 प्रतिशत पशु कल्याण ट्रस्ट को और अन्य 15 प्रतिशत उसके पैतृक गांव में दान में दिए जाएंगे। लेकिन इस वसीयत के जमानती दिनेश शाह और अमित शाह ने तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया। यह मामला तब सामने आया जब झवेरी ने संपत्ति के बंटवारे के बारे में निष्पादकों की जांच की और उन्हें कुछ संदिग्ध लगा।