राहुल के रुख से उलट, कांग्रेस के इस नेता ने कहा- क्षेत्रीय दलों की सरकार नहीं चलेगी
नई दिल्ली- कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मोदी को कुर्सी से हटाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। उनके अबतक जितने भी बयान आए हैं, उसमें यही बात है कि कांग्रेस को मोदी सरकार की जगह कोई भी मंजूर होगा। इसके लिए वह दो दर्जन क्षेत्रीय पार्टियों की गठजोड़ को भी समर्थन देने का मन बनाते दिख रहे हैं। शायद वे इस बात की भी चिंता नहीं करना चाहते कि वो सरकार चलेगी भी या नहीं। लेकिन, कांग्रेस के ही एक वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राहुल के इस नजरिए से शायद इत्तेफाक नहीं रखते।
मोदी को हटाने की कवायद में जुटे हैं राहुल
खबरों के मुताबिक कांग्रेस किसी भी पार्टी या गठबंधन को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने पर चुनाव के बाद जुड़ी पार्टियों की मिलीजुली सरकार को समर्थन देने की रणनीति पर भी काम कर रही है। हाल में ऐसी कई खबरें आई हैं, जिसमें कांग्रेस के नेताओं से यूपीए से अलग कुछ क्षेत्रीय दलों के लोगों से भावी सरकार को लेकर चर्चा होने की बात सामने आई है। इसमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस (TRS) सुप्रीमो के चंद्रशेखर राव (KCR) का नाम भी शामिल है।
'ऐसी सरकार अस्थिर होगी'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली (Veerappa Moily) ने कहा है कि, 'कोई भी भावी सरकार एक राष्ट्रीय दल के द्वारा अगुवाई करने से ही स्थिर होगी।' जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें कांग्रेस के समर्थन से क्षेत्रीय दलों के सरकार बनाने की संभावना नजर नहीं आती है, तो उन्होंने कहा, 'मैं संभावना से इनकार नहीं कर रहा हूं, लेकिन यह मजबूत सरकार नहीं होगी। उस सरकार में स्थिरता नहीं होगी।'
तीसरे मोर्चे का प्रयोग नाकाम-मोइली
मोइली (Veerappa Moily)ने कहा कि वे राहुल गांधी (Rahul Gandhi)की अगुवाई वाले गठबंधन की मदद से क्षेत्रीय पार्टियों की सरकार गठन की संभावना से इनकार तो नहीं करते हैं, लेकिन ऐसी सरकार स्थिर नहीं होगी और लंबे समय तक नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि पहले भी छोटे दलों द्वारा सरकार की अगुवाई की गई है-चाहे वो वीपी सिंह की सरकार रही हो या चरण सिंह या चंद्रशेखर की अगुवाई वाली, लेकिन हर बार तीसरे मोर्चे का प्रयोग नाकाम रहा है।
राष्ट्रीय दल के हाथ में हो कमान-मोइली
त्रिशंकु जनादेश की आशंकाओं से संबंधित खबरों के बीच उन्होंने दलील दी कि कोई भी सरकार तब स्थिर होगी जब उसकी कमान किसी राष्ट्रीय दल के हाथ में हो। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा किअगर ऐसा नहीं हुआ तो ऐसी सरकारें बस कुछ महीने या एक दो साल की बात होती है कि (सरकार गिर जाती है)। जब उनसे इन चर्चाओं के बारे में पूछा गया कि यूपीए और एनडीए से अलग क्षेत्रीय दल अगर कांग्रेस से अधिक सीटें जीतते हैं तो? तब उन्होंने कहा कि उन्हें एकजुट रखेगा कौन? उनके कहने का मतलब जब अगुवाई राष्ट्रीय दल के हाथ में होगा, तभी वे एकजुट रह सकेंगी।
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