उत्तराखंड के सभी जिलों में 3 दिन के लिए Red Alert, भारी बारिश और चट्टान खिसकने की चेतावनी
Red Alert पर उत्तराखंड, अगले तीन दिन इन जिलों में भारी बारिश और चट्टान खिसकने की चेतावनी
नई दिल्ली। उत्तर भारत जहां इस समय भीषण गर्मी से जूझ रहा है, वहीं देश के कुछ राज्यों में मानसूनी बारिश कहर बनकर टूट रही है। गुजरात और असम सहित नॉर्थ ईस्ट के कई राज्य भारी बारिश के चलते बाढ़ की मार झेलने को मजबूर है। इस बीच भारतीय मौसम विभाग ने अब उत्तराखंड को लेकर चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन दिन यानी सप्ताह के अंत में उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश के साथ-साथ भूस्खलन हो सकता है। मौसम बिगड़ने की आशंका के चलते अगले तीन दिन के लिए राज्य में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है।
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भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान धीरे-धीरे मानसून ट्रफ हिमालय की तलहटी के साथ-साथ उत्तर की ओर खिसकेगा। वहीं अरब सागर से आने वाली दक्षिण-पूर्वी और दक्षिणी हवाएं, उत्तर-पश्चिम भारत की ओर झुकेंगी। इन परिस्थितियों के चलते पश्चिमी हिमालय क्षेत्र और उत्तर-पश्चिमी भारत के कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार बन रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तराखंड में शनिवार और रविवार को सबसे ज्यादा बारिश देखने को मिलेगी।
शुक्रवार को इन जिलों में होगी भारी बारिश
भारी बारिश की आशंका को देखते हुए नई दिल्ली स्थित भारतीय मौसम विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय ने पूरे उत्तराखंड में तीन दिन के लिए रेड अलर्ट घोषित किया है। रेड अलर्ट घोषित होने के बाद प्रशासन ने स्थानीय नागरिकों के लिए भी दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। वहीं, देहरादून स्थित मौसम विभाग के सेंटर का कहना है कि शुक्रवार को देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, ऊधम सिंह नगर, नैनीताल, टिहरी, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा और चंपावत के अलग-अलग हिस्सों में काफी तेज बारिश होगी।
बद्रीनाथ और यमुनोत्री हाईवे पर भूस्खलन
मौसम विभाग की चेतावनी के मुताबिक, सप्ताह के अंत में यानी शनिवार-रविवार को हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल, चंपावत, ऊधम सिंह नगर, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी और अल्मोड़ा में भारी बारिश का दौर देखने को मिलेगा। देहरादून स्थित आईएमडी सेंटर ने बताया कि पिछले एक हफ्ते के दौरान पूरे उत्तराखंड में 115 मिमी से ज्यादा बारिश हुई है, जो सामान्य से अधिक है। भारी बारिश के कारण पहाड़ों पर भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आईं और पहाड़ों से गिरे मलबे के चलते बुधवार को कुछ घंटों के लिए बद्रीनाथ और यमुनोत्री हाईवे बंद हो गया।
इस साल कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध
आपको बता दें कि कोरोना वायरस की महामारी के चलते उत्तराखंड सरकार ने इस साल कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। लगातार बढ़ रहे संक्रमण को देखते बीते सोमवार को हरिद्वार प्रशासन से पड़ोसी राज्यों के लिए जिले की सीमाओं को भी सील कर दिया। अधिकारियों के मुताबिक, जिन लोगों के पास अपने जिले के संबंधित मजिस्ट्रेट की लिखित परमिशन होगी, केवल उन्हीं लोगों के वाहनों को जिले में प्रवेश की अनुमित दी जाएगी। पुलिस ने नारसन, भगवानपुर, चिड़ियापुर और सप्तऋषि चेकपोस्ट पर बॉर्डर सील कर दिए हैं।
हर की पौड़ी के पास भी कड़ी सुरक्षा
गौरतलब है कि 'कांवड़ यात्रा' हर साल सावन के महीने में शुरू होती है और यूपी, दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान के लाखों श्रद्धालु हरिद्वार से गंगाजल लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। बॉर्डर सील होने के बाद सैंकड़ों की संख्या में ऐसे वाहनों को वापस भेजा जा रहा है, जिनके पास परमिशन लेटर नहीं है। इसके अलावा पुलिस प्रशासन ने हरिद्वार में हर की पौड़ी के पास भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। कांवड यात्रा के दौरान हर की पौड़ी पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है। सरकार की गाइडलाइन का पालन करने के लिए इस इलाके में मोटरसाइकिल पर आने वाले लोगों से भी पूछताछ के बाद ही आगे जाने दिया रहा है।
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