President Rule in Maharashtra: जानिए क्या होता है राष्ट्रपति शासन?
मुंबई। महाराष्ट्र में किसी भी पार्टी के सरकार बनाने की स्थिति में ना होने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी, जिसके बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है, अब जब बात राष्ट्रपति शासन की चली है तो ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये राष्ट्रपति शासन होता क्या है?
तो चलिए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में...
क्या होता है राष्ट्रपति शासन?
राष्ट्रपति शासन भारत में शासन के संदर्भ में उस समय प्रयोग किया जाता है, जब किसी राज्य सरकार को भंग या निलंबित कर दिया जाता है और राज्य प्रत्यक्ष संघीय शासन के अधीन आ जाता है। किसी भी राज्य के ऊपर राष्ट्रपति शासन केवल दो ही आधार पर लगाया जा सकता है, जो कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 355 और 356 में वर्णित है। राष्ट्रपति शासन को समझने से पहले आपको भारतीय संविधान के इन दो महत्वपूर्ण अनुच्छेदों को समझना जरूरी है।
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क्या है अनुच्छेद-355 और अनुच्छेद-356?
अनुच्छेद-355
अनुच्छेद 355 केंद्र सरकार अधिकृत करता है ताकि वो किसी बाहरी आक्रमण या आंतरिक अशांति की दशा में राज्य की सुरक्षा सुनिश्चित कर सके।
अनुच्छेद-356
अनुच्छेद 356, केंद्र सरकार को किसी राज्य सरकार को बर्खास्त करने और राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुमति उस अवस्था में देता है, जब राज्य का संवैधानिक तंत्र पूरी तरह विफल हो गया हो।
कैसे लागू होता है राष्ट्रपति शासन?
किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन को लागू करने के लिए तीन अहम कदम उठाने होते हैं।
- पहला कदम: सबसे पहले राष्ट्रपति को यह पता लगाना होता है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन की जरूरत क्यों हैं, कभी-कभी राज्यपाल, महामहिम को राज्य के बारे में बताते हैं और कभी खुद राष्ट्रपति ही राज्य की जानकारी लेते हैं।
- दूसरा कदम: राष्ट्रपति के सुनिश्चित होने के बाद उस घोषणा को संसद के दोनों ही सदन (राज्य सभा और लोक सभा) दो महीने के भीतर सामान्य बहुमत से स्वीकृत करें।
- तीसरा कदम: जैसे ही संसद के दोनों सदन से उस घोषणा को स्वीकृति मिलती है उस राज्य में अगले छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लागू हो जाता है।
ये
है
खास
परस्थिति
राष्ट्रपति
शासन
उस
स्थिति
में
भी
लागू
होता
है,
जब
राज्य
विधानसभा
में
किसी
भी
दल
या
गठबंधन
को
स्पष्ट
बहुमत
नहीं
हो,
तब
राज्यपाल
सदन
को
छह
महीने
की
अवधि
के
लिए
'निलंबित
अवस्था'
में
रख
सकते
हैं।
छह
महीने
के
बाद,
यदि
फिर
कोई
स्पष्ट
बहुमत
प्राप्त
ना
हो
तो
उस
दशा
में
पुन:
चुनाव
आयोजित
किये
जाते
हैं।
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महत्वपूर्ण बातें
- राष्ट्रपति शासन को अधिक से अधिक तीन सालों तक बढ़ाया जा सकता है।
- लेकिन इसके लिए जरूरी है हर बार (6 महीने में) संसद के दोनों सदन उसे सामान्य बहुमत से स्वीकृत करें।
- राष्ट्रपति किसी भी समय राज्य के राष्ट्रपति शासन को हटा सकता है।
- और इसके लिए उसे किसी भी कोई परमिशन की आवश्यकता नहीं है।
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