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इन 11 वजहों से भारत के लिए अहम साझीदार साबित होगा जापान

By Richa
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[ऋचा बाजपेई] 'द रिटर्न्‍स ऑफ लव इन टोक्‍यो,' जी हां नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा को इस एक वाक्‍य में समझा जा सकता है और इस एक वाक्‍य में उनकी पूरी यात्रा के सही मायने निकाले जा सकते हैं। ऐसा इसलिए क्‍योंकि सोमवार को भारत और जापान के बीच दो एमओयू साइन होने वाले हैं।

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यह एमओयू जापान को दुर्लभ जमीनी अयस्‍क मुहैया कराने और दोनों देशों के बीच डिफेंस एक्‍सचेंज से जुडे़ हैं। जिसमें जापान के साथ होने वाली एक अहम न्‍यूक्लियर डील भी शामिल है।

एशिया का पहला विकसित देश बनाएगा भारत को विकसित
जापान जिसे एशिया के पहले विकसित देश का खिताब हासिल है, टेक्‍नोलॉजी, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर और डिफेंस सेक्‍टर में भी दुनिया पर अपनी बादशाहत साबित कर चुका है। नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जापान से अनुरोध किया कि वह भारत के शिक्षा के क्षेत्र में भारत की मदद करे। भारतीय वायुसेना के रिटायर्ड विंग कमांडर अजित सैनी के मुताबिक नरेंद्र मोदी जिस समय गुजरात के मुख्‍यमंत्री थे, उस समय भी वह जापान की यात्रा पर गए थे।

अब जबकि वह प्रधानमंत्री बने हैं तो उनके इस पहले जापान दौरे के बाद भारत को वाकई काफी बड़ा फायदा होने वाला है। वह कहते हैं कि मोदी की इस बात में दम है क्‍योंकि अगर भारत और जापान एक साथ आते हैं तो साउथ एशिया में एक नई ताकत सामने आएगी। साथ ही भारत रक्षा, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, न्‍यूक्लियर और कॉमर्स के क्षेत्र में भी एक नई इबारत लिख सकता है।

एक नजर डालिए उन खास प्‍वाइंट्स पर कि आखिर कैसे जापान, भारत की तकदीर को बदल सकता है।

  1. जापान, जमीनी अयस्‍कों के निर्यात के लिए काफी हद तक चीन पर निर्भर है लेकिन दोनों देशों के बीच संबंध कुछ ज्‍यादा बेहतर नहीं हैं। चीन ने जापान को इन अयस्‍कों की आपूर्ति रोक दी है। भारत के साथ जापान अगर इन अयस्‍कों की आपूर्ति के लिए एमओयू साइन करता है तो चीन की जगह जापान भारत पर निर्भर होगा।
  2. न्‍यूक्लियर डील का मतलब भारत के पास दुनिया की बेहतर टेक्‍नोलॉजी का आना है। जापान की डिफेंस इंडस्‍ट्री दुनिया की सबसे बड़ी डिफेंस इंडस्‍ट्रीज में से एक है, जो अपनी सेनाओं को अपने ही देश में ने रक्षा उत्‍पाद निर्यात करती है।रिसर्च और डेवलपमेंट को भी कंपनियां खुद ही अंजाम देती हैं।
  3. भारत अभी तक रूस और इजरायल जैसे देशों पर निर्भर है। रूस के पास अब कोई नई तकनीक नहीं हैं और वह भारत को अपने पुराने रक्षा उत्‍पाद ही निर्यात कर रहा है। साथ इजरायल की ही तरह अब उसे भी यूक्रेन संकट से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि एशिया में भारत को रक्षा क्षेत्र में एक नया और मजबूत साझीदार मिले।
  4. भारत और चीन के रिश्‍तों के बारे में हर कोई जानता है। चीन, अप्रत्‍यक्ष तौर पर पाकिस्‍तान को मदद करता है। ऐसे में भारत के लिए भी जरूरी है कि उसे एशिया में एक ऐसा साथी मिले, जो शांत हो और जिसके साथ आने पर उसकी ताकत में इजाफा हो। जापान, भारत के लिए इस लिहाज से काफी मददगार साबित हो सकता है।
  5. जापान वर्ष 1973 से ही फ्यूल इंपोर्ट पर दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता को कम कर चुका है और वर्ष 2008 से देश में उत्‍पादित होने वाली न्‍यूक्लियर एनर्जी पर निर्भर है। जापान ने वर्ष 2008 में सात ब्रांड न्‍यू न्‍यूक्लियर रिएक्‍टर्स को खोला था।
  6. जापान दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है जहां पर न्‍यूक्लियर पावर का प्रयोग एनर्जी के तौर पर सबसे ज्‍यादा होता है। जापान में 55 न्‍यूक्लियर रिएक्‍टर्स हैं और यह जापान की 34.5% बिजली की जरूरत को पूरा करते हैं। जापान और भारत के बीच होने वाली न्‍यूक्लियर डील का मतलब, भारत में मौजूद बिजली संकट का बड़े पैमाने पर हल होना है।
  7. जापान की न्‍यूक्लियर टेक्‍नोलॉजी कितनी मजबूत है इसका उदाहरण दुनिया को वर्ष 2011 में आई सुनामी में देखने को मिल गया था। फुकुशिमा के प्‍लांट को खासा नुकसान पहुंचने और न्‍यूक्लियर इमरजेंसी घोषित होने के बावजूद जापान को ज्‍यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ा था।
  8. जापान एरोस्‍पेस एक्‍सप्‍लोरेशन एजेंसी यानी जेएएक्‍सए जापान की वह संस्‍था है जो प्‍लानेट रिसर्च, एविएशन रिसर्च के साथ ही रॉकेट्स और सैटेलाइट्स के विकास और उनके रिसर्च का काम करती है। इस संस्‍था की ओर से ऐसे रॉकेट्स विकसित किए गए हैं जो दुनिया में सबसे शक्तिशाली हैं। इन रॉकेट्स के पास आठ टन का पेलोड ले जाने की क्षमता है। साफ है अगर भारत को जापान का साथ मिलता है तो इसरो जैसी संस्‍था को काफी फायदा होगा।
  9. जापान की बुलेट ट्रेन टेक्‍नोलॉजी को दुनिया सलाम करती है। देश की नई सरकार ने देश में बुलेट ट्रेन का सपना पूरा करने का जिम्‍मा लिया है और जापान इसमें भारत की काफी हद तक मदद कर सकता है।
  10. जापान का स्किल डेवलपमेंट और वर्क कल्‍चर से सभी लोग बखूबी वाकिफ हैं। वर्ष 2011 में आई सुनामी के बाद जापान ने सिर्फ कुछ माह के अंदर ही बड़े हाइवे और बिल्डिंगों को फिर से नया करके दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की थी। अगर जापान भारत के साथ आता है तो देश में सड़क और इन जैसे कई निर्माण कार्यों में खासी तेजी आएगी, इसमें कोई शक नहीं है।
  11. जापान की टेक्‍नोलॉजी रोबोटिक्‍स, कंज्‍यूमर इलेक्‍ट्रॉनिक और ऑटोमोटिव इंडस्‍ट्री पर आधारित है और जापान इन क्षेत्रों में दुनिया का सरताज है। ऐसे में भारत की इन इंडस्‍ट्रीज को भी आने वाले समय में जापान से काफी मदद मिल सकती है।
English summary
Prime Minister Narendra Modi is on Japan visit. Japan is going to be an important alley for India not only in Asian region but among world community.
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