तो इस वजह से पद से हटाए गए जम्मू कश्मीर पुलिस के मुखिया एसपी वैद
श्रीनगर। गुरुवार को जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी एसपी वैद को उनके पद से हटा दिया गया। अब वह राज्य के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर हैं और दिलबाग सिंह राज्य के नए अस्थायी डीजीपी हैं। साल 2016 में जब से घाटी के हालात बिगड़ने शुरू हुए थे उसी वर्ष वैद को राज्य के डीजीपी का जिम्मा संभाला गया था। डीजीपी वैद को आतंकियों के खिलाफ उनके कड़े निर्णयों के लिए जाना जाता है। गुरुवार को जब उन्हें उनके पद से हटाए जाने की खबरें आईं तो कई लोग हैरान भी हुए। किसी को भी इस बात पर यकीन नहीं हो रहा था कि वैद को उनके पद से हटा दिया गया। कहा जा रहा है कि पिछले दिनों राज्य में पुलिस ने जिस तरह से अपहरण संकट को सुलझाया, उसकी वजह से वैद को हटाने का फैसला लिया गया।
एक के बाद एक 11 रिश्तेदार अगवा
पिछले दिनों कश्मीर घाटी में आतंकियों ने जम्मू कश्मीर पुलिस के एक के बाद एक 11 रिश्तेदारों को अगवा करके सनसनी फैला दी थी। 36 घंटे के अंदर आतंकियों ने इन सभी 11 लोगों का अपहरण किया था। इसके बाद पुलिस की ओर से हुई कार्रवाई के बाद आतंकियों को पुलिस के रिश्तदारों को रिहा करना पड़ गया। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस अपहरण संकट को सुलझाने के लिए राज्यपाल सत्यपाल मलिक के ऑफिस को भी हस्तक्षेप करना पड़ गया था।
जैसे को तैसा कार्रवाई
हिजबुल कमांडर के पिता को लिया गया हिरासत में पिछले दिनों हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों ने राज्य पुलिस की 'जैसे को तैसा' कार्रवाई के बाद यह कदम उठाया। दरअसल पुलिस ने हिजबुल के तीन आतंकियों के रिश्तेदारों को हिरासत में ले लिया था। जिन रिश्तेदारों को पुलिस ने हिरासत में लिया था उसमें हिजबुल कमांडर रियाज नाइकू के पिता भी शामिल थे। रियाज के पिता अशादुल्ला को जब पुलिस ने हिरासत में लिया तो राज्यपाल के ऑफिस की ओर से पुलिस के इस कदम पर आपत्ति भी दर्ज कराई गई। अशादुल्ला को हिरासत में लेने पर ही आतंकी हरकत में आए थे और उन्होंने सभी रिश्तेदारों को रिहा कर दिया था।
कठुआ गैंगरेप बड़ी वजह
राज्यपाल के ऑफिस में कार्यरत एक ऑफिसर के मुताबिक, 'पुलिस के लोअर रैंक्स में जो कर्मी हैं वे सभी दूसरे पहलुओं से भली-भांति परिचित हैं। उन्हें स्थानीय भाषा, जगह और निवास स्थान का फायदा हासिल है। ऐसे में हम उन्हें अलग-थलग नहीं कर सकते हैं। घाटी में पिछले दिनों आतंकियों ने जिस तरह से अपहरण की कार्रवाई को अंजाम दिया, उसमें उन्होंने किसी की रिहाई की मांग नहीं की थी। बल्कि इसकी जगह उन्होंने धमकी दी कि उनके किसी भी रिश्तेदार को निशाना न बनाए जाए। वहीं दूसरी तरफ सूत्रों की मानें तो बीजेपी कठुआ गैंगरेप में पुलिस की कार्रवाई के बाद से भी वैद से नाराज थी। वैद ने इस केस में बार-बार सही जांच का वादा किया लेकिन केस को जम्मू कश्मीर क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया।