दिल्ली अग्निकांड: बिल्डिंग के मेन गेट पर था बाहर से लगा था ताला, अंदर तड़प-तड़प कर रहे थे लोग
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नई दिल्ली। दिल्ली के रानी झांसी रोड पर स्थित अनाज मंडी में लगी भीषण आग में 43 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद से कई सवाल उठ रहे हैं। हादसे में 43 मजदूरों की जान चली गई। जिस चार मंजिला इमारत में आग लगी हादसे के वक्त उसके मेन गेट पर ताला जड़ा था। बाहर के दरवाज पर ताला जड़ा था तो वहीं भीतर लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे। लोगों बदहवास होकर मदद के लिए इधर-उधर भाग रहे थे, लेकिन मेन गेट और छत का दरवाजा बाहर से बंद था।
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दिल्ली अग्निकांड में 43 लोगों की मौत
दिल्ली के रानी झांसी रोड पर अनाज मंडी में हुए हादसे में 43 लोगों की मौत हो गई। हादसे में ज्यादातर लोगों की मौत दम घुटने से हुई है।इस हादसे में कुल 43 मृतकों में 34 की मौत लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल और 9 की मौत लेडी हार्डिंग्स अस्पताल में हो गई। निजी चैनल आज तक के मुताबिक जिस चार मंजिला इमारत में आग लगी थी उसके दरवाजे पर बाहर से ताला जड़ा था। बाहर ताला जड़ा था और भीतर लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे। अधिकतर लोगों की मौत दम घुटने से हुई।
फैक्ट्री में बनता था स्कूल बैग
जिस चार मंजिला बिल्डिंग में आग लगी, उसके चारों फ्लोर पर फैक्ट्री चल रही थी। इमारत में स्कूल बैंग बनाने का काम होता था। अधिकतर यूपी-बिहार के लोग इमारत में चल रही फैक्ट्री में मजदूरी करते थे। फैक्ट्री में काम करते थे, वहीं खाना खाते थे और वहीं सोते थे। जिस वक्त इमारत में आग लगी उस वक्त अधिकांश मजदूर सो रहे थे। उन्हें आग लगने की खबर ही नहीं मिली और जहरीले धुंए के चलते दम घुटने से लोगों की जान चली गई।
बाहर से बंद था फैक्ट्री का दरवाजा
हादसे की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची छी। फायर विभाग ने हादसे के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इमारत में फैक्ट्री चल रही थी, जिसका एनओसी भी फायर विभाग से नहीं लिया गया था। ग्राउंड से ऊपर चार मंजिल बनी थी और हर फ्लोर में अलग-अलग फैक्टी चल रही थी। वहां स्कूल बैग बनाने और पैकिंग का काम चल रहा था। जब फायर विभाग ने जानकारी देते हुए कहा कि इमारत का दरवाजा लोहे का था, जो बाहर से बंद था। आग की सूचना मिलने पर जब वो वहां पहुंचे तो उन्हें मेन गेट तोड़कर भीतर घुसना पड़ा। 4 मंजिला इमारत में सिर्फ एक सीढ़ी थी। छत का दरवाजा भी बाहर से बंद था। उन्हें दरवाजा तोड़कर अंदर घुसना पड़ा।