चार राज्यों में कांग्रेस की करारी हार के चार अहम कारण
नयी दिल्ली (ब्यूरो)। पांच राज्यों में असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। पांचों राज्यों में से अगर सिर्फ पुडुचेरी को छोड़ दिया जाए तो बाकी के राज्यों से कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो गया है। असम और केरल में वह सत्ता से बाहर हो गई है तो तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में उसकी हालत पहले से भी बदतर हो गई। 'अम्मा' और 'दीदी' को पीएम मोदी ने दी जीत की बधाई
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हार स्वीकार किया और कहा कि जनता का दिल जीतने के लिए और मेहनत करेंगे। हालांकि पार्टी में हार का मंथन जरूर होगा लेकिन उससे पहले आईए आपको चार राज्यों में मिली करारी हार के चार मुख्य वजह बताते हैं।
1- केरल और असम में कांग्रेस विरोधी माहौल
केरल और असम दोनों ही राज्यों में कांग्रेस ने अपनी सत्ता गंवा दीं। कांग्रेस गठबंधन ने केरल में वाम दलों की सरकार छीनी थी जिसके बाद से विपक्ष ओमान चांडी के कार्यशैली के खिलाफ आंदोलन जारी कर दिया था। वहीं बात अगर असम की करें तो सीएम तरुण गोगोई भी विकास के मुद्दे पर खरे नहीं उतर पाए थे। दोनों राज्यों में सरकार विराधी माहौल बना हुआ था जिसने कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने में अहम भूमिका निभाई।
2- नेतृत्व की कमी
इन चुनावों में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व और स्थानीय नेतृत्व में खासा कमी नजर आई। जब राज्यों में विधानसभा सभा चुनाव चल रहे थे उस वक्त कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व दूसरी वजहों में उलझा हुआ था। तैयारी के वक्त केंद्रीय नेतृत्व नेशनल हेराल्ड केस, चुनाव के दौरान अगस्टा वेस्टलैंड चॉपर डील स्कैम और इसके पहले जेएनयू में देशविरोधी नारेबाजी और हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में रोहित वेमुला की खुदकुशी के मसले पर राजनीति करने में समय लगा रहा था।
3- अमित शाह की रणनीति को जवाब नहीं दे पाई कांग्रेस
राज्यों में क्षेत्रीय दलों से गठबंधन का मामला हो या प्रचार की आक्रामक शैली कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास बीजेपी के मोदी-शाह की रणनीतियों का जवाब नहीं था। असम में भाजपा ने जो मुद्दा उठाया उसपर कांग्रेस ने कुछ नहीं बोला।
4- लेफ्ट के साथ मिलकर चुनाव लड़ना
कांग्रेस को गठबंधन के बावजूद केरल वामदलों के खिलाफ और पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चे के साथ चुनाव लड़ना भी भारी पड़ गया।