अरविंद का रिएलिटी शो 'नच दिलिये' तय करेगा दिल्ली का भविष्य
पहले सुनिये केजरीवाल ने क्या कहा- हमारी पार्टी पूरी दिल्ली की जनता को चिट्ठी लिख रही है। इस चिट्ठी की 25 लाख प्रतियाँ बांटी जाएंगी जिसमें उनका राय मांगा जायेगा। केजरीवाल ने कहा कि जनता आम आदमी पार्टी के फ़ेसबुक पेज और आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी अपना राय दे सकती है। वहीं YES या NO लिखकर पत्र में लिखे नंबर 08806110335 पर भेज सकती है। आप अपनी राय फेसबुक फैनपेज पर या फिर आम आदमी पार्टी डॉट ओआरजी पर भी दे सकते हैं।
सच पूछिए तो केजरीवाल का यह कॉन्सेप्ट बहुत अच्छा है। अगर आने वाले चुनाव में इसस कॉन्सेप्ट के आधार पर पार्टियां टिकट देना शुरू कर दें, तो शायद हमारी संसद या विधानसभाओंमें क्रिमिनल्स की एंट्री पूरी तरह बंद हो जाये। क्योंकि अगर आम जनता पहले ही टिकट देने से मना कर देगी, तो पार्टी क्यों खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मारेगी। वैसे यह कॉन्सेप्ट लोकपाल बिल, एंटी रेप बिल, आदि जैसे विधेयकों के पास होने के वक्त भी लाया जा सकता है, ताकि जनता की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
खैर यह सब तो भविष्य की बाते हैं, अगर वर्तमान में आयें, तो नच दिलिये गेमशो शुरू हो चुका है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जनता अगर हां में जवाब दे भी देगी, तो भी केजरीवाल कांग्रेस पार्टी के साथ सरकार नहीं बनायेंगे, क्योंकि अगर दिल्ली में कांग्रेस के साथ सरकार बना ली, तो केजरीवाल के 22 राज्यों में लोकसभा चुनाव में लड़ने वाले प्रत्याशियों के वोट कमजोर पड़ जायेंगे। और अगर जनता का जवाब नहीं में होगा, तो केजरीवाल से खुश और कोई नहीं होगा, क्योंकि खुद केजरीवाल भी दिल से कांग्रेस के संग सरकार नहीं बनाना चाहते हैं।
भाजपा-कांग्रेस खेल सकती हैं गेम
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता सोशल नेटवर्क पर जबर्दस्त तरीके से सक्रिय हैं। लिहाजा केजरीवाल को भ्रमित करने के लिये भाजपा और कांग्रेस जमकर 'हां' में वोटिंग करवा सकती है। यदि ऐसा हुआ तो केजरीवाल के इस ओपीनियन पोल के परिणाम इंटरनेट और पत्राचार दोनों में पूरी तरह फर्क होंगे। अंत में कहना चाहूंगा कि टीवी चैनलों पर चाहे जितने भी रियलिटी शो आये हों, कितने ही वोट क्यों न पड़े हों, लेकिन एक आम आदमी को कभी भी उनकी वोटिंग पर विश्वास नहीं हुआ। जरा सोचिये अगर टीवी चैनलों की वोटिंग पर विश्वास नहीं हुआ, तो केजरीवाल के वोटिंग सिस्टम पर भरोसा कैसे बन पायेगा? और ऐसी स्थिति में केजरीवाल अगर कांग्रेस के साथ सरकार बनाने पर राजी हो गये, तो दिल्ली तो भरोसा कर लेगी, लेकिन देश नहीं।