Cyclone Burevi: किसने दिया इस 'चक्रवात' को ये नाम, क्या है इसके पीछे की कहानी?
Cyclone Burevi: इस वक्त तमिलनाडु और केरल में चक्रवात 'बुरेवी' का खतरा मंडरा रहा है। दोनों ही राज्यों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी है। फिलहाल 'बुरेवी' तूफान अभी श्रीलंका के त्रिंकोमाली से 200 किलोमीटर और कन्याकुमारी से 600 किमी दूर है, ये कल तक तमिलनाडु पहुंचेगा। इसके कारण तिरुनेलवेली, थूटुकुडी, तेनकाशी, रामनाथपुरम , कोल्लम, तिरुवनंतपुरम, पटनमथिट्टा और अलप्पुझा में भारी बारिश की आशंका है। एनडीआरएफ की टीमें पूरी तरह से इस तूफान से लड़ने के लिए तैयार हैं तो वहीं पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के सीएम से इस बारे में बात की है और मदद का पूरा आश्वासन दिया है।
'बुरेवी' नाम मालदीव ने दिया है
आपको बता दें कि चक्रवात 'बुरेवी' को 'बुरेवी' नाम मालदीव ने दिया है, हालांकि उनका कहना है कि ये दस दिनों पहले आए चक्रवात 'निवार' की तरह खतरनाक नहीं है लेकिन इसकी वजह से दक्षिण भारत के कई राज्यों में भारी बारिश और तेज हवाएं चलने का अनुमान है। कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में इस तूफान के कारण बारिश संभव है। मौसम विभाग के मुताबिक जिस वक्त ये तूफान कन्याकुमारी के तट से टकराएगा उस वक्त 70-80 किमी की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।
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कैसे रखें जाते हैं चक्रवातों के नाम
साल 1945 से 'विश्व मौसम संगठन' ने 'चक्रवातों' को नाम देने का निर्णय लिया और इसके लिए उन्होंने कई समितियां बनाईं जैसे इस्केप टाइफून कमेटी, इस्कैप पैनल ऑफ ट्रॉपिकल साइक्लोन, जिनका काम है पूरी दुनिया में आ रहे 'चक्रवातों' पर खास नजर रखना था लेकिन साल 2000 में 'चक्रवात' के बारे में जानकारी 'भारतीय मौसम विभाग' देने लग गया और इसके लिए उसने 8 देशों की एक कमेटी बनाई है, जहां उसने देशों को अंग्रेजी वर्णमाला के आधार पर रखा है।
जिनके नाम निम्नलिखित हैं..
- बांग्लादेश,
- भारत,
- मालदीव,
- म्यांमार,
- ओमान,
- पाकिस्तान,
- श्रीलंका और
- थाईलैंड
हालांकि साल 2018 में इस लिस्ट में ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन भी शामिल हो गए। 'निवार' के बाद और 'बुरेवी' से पहले 'गति' तूफान आया था, जिसका नाम भारत ने रखा था जबकि 'निवार' का नाम ईरान ने दिया था तो वहीं 'बुरेवी' का नाम मालदीव ने दिया है और इसके बाद आने वाले तूफान का नाम 'तौकते' है, जिसका नाम म्यांमार ने दिया है।
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