Chhath Puja Parana Time 2020: जानिए कब किया जाएगा 'छठ' पूजा का पारण, व्रत खोलने के लिए क्या खाएं और क्या नहीं?
Chhath Puja Parana Time 2020: लोक आस्था का महापर्व 'छठ' 21 नवंबर यानी की शनिवार सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त हो जाएगा। चार दिन के इस कठिन व्रत में भक्तगण उगते सूरज को अर्ध्य देने के बाद ही 36 घंटे बाद अन्न-जल का ग्रहण करते हैं। बता दें कि जितना ध्यान और स्वच्छता का ख्याल इस उपवास को करने में किया जाता है, उतना ही ख्याल इस व्रत को खोलने में भी रखा जाता है, इसके पारण के भी नियम हैं।
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चलिए जानते हैं उसके बारे में विस्तार से
21 नवंबर 2020 को सुबह 6 बजकर 48 मिनट पर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा,इसके बाद भक्तगण पानी पीकर अपना व्रत खोल सकेंगे और इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं।अब क्योंकि व्रती लोग 36 घंटे बाद कुछ खाएं-पिएंगे, ऐसे में उन्हें एक साथ खाना नहीं खाना चाहिए, कोशिश करनी चाहिए कि पहले वो 'नारियल पानी' या 'नीबू पानी' का सेवन करें और उसके बाद 'अन्न' का सेवन करें और इसके बाद ज्यादा तला-भूना या मसालेदार खाना नहीं खाना चाहिए, हल्के तेल का भोजन ग्रहण करना चाहिए, इससे तबीयत खराब नहीं होती है और ना ही व्यक्ति को आलस आता है।
क्या करें और क्या ना करें
- व्रत खत्म करने के बाद आप अपना प्रसाद लोगों में बांटे।
- हो सके तो पंडित को सीधा(दाल-चावल-हल्दी-तेल और नमक) दें।
- गरीब या जरूरतमंद को भोजन कराएं और सामर्थ्य के मुताबिक दान करें।
- छठ मईया से सभी के लिए आशीर्वाद मांगे।
- घर को भी धूप-अगरबत्ती से शुद्द कीजिए और भजन-कीर्तन करें।
- व्रत खत्म होने के बाद मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए।
- व्रत खत्म होने के बाद घर में कलह या झगड़ा नहीं करना चाहिए।
छठ का व्रत सिखाता है बहुत कुछ
आस्था का ये पर्व केवल एक व्रत नहीं है बल्कि ये हमें बहुत कुछ सीखा कर जाता है,'उदित सूर्य' एक नए सवेरा का मानक है तो 'अस्त होता हुआ सूर्य' केवल विश्राम का प्रतीक है इसलिए 'छठ' पूजा के पहले दिन अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं, जो लोगों को ये बताता है कि दुनिया खत्म नहीं हुई, कल फिर सवेरा होगाइसलिए इंसान को हर परिस्थिति का सामना पूरे धैर्य, आत्मविश्वास और मेहनत से करना चाहिए।
शार्ट-कट से कभी भी इंसान सफल नहीं हो सकता
क्योंकि जीवन में सफल होने का यही एक सार है, शार्ट-कट से कभी भी इंसान सफल नहीं हो सकता है, अगर उसे सफलता मिल भी जाए, तो भी वो सफलता क्षणिक ही होती है, इसलिए मानसिक शांति और खुशी पाने के लिए उसे मेहनत करनी होती है और मेहनत ही सफलता का एकमात्र विकल्प है और उगता सूरज ये बताता है कि अंधेरा चाहे जितना भी गहरा हो, हर रात के बाद सवेरा होता ही है इसलिए इंसान को कभी धैर्य नहीं खोना चाहिए।
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