जयपाल रेड्डी का निधन, शोक में डूबी कांग्रेस, पीएम मोदी ने बताया प्रभावी प्रशासक
नई दिल्ली। देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जयपाल रेड्डी (77) का हैदराबाद में निधन हो गया, वो बुखार और निमोनिया से पीड़ित थे, शनिवार को जब उनकी तबीयत बिगड़ी तो उन्हें एआईजी हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया, जहां देर रात 2 बजकर 30 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। कांग्रेस के वरिष्ठ और लोकप्रिय नेताओं में शामिल जयपाल रेड्डी के यूं चले जाने से कांग्रेस खेमे में शोक की लहर है, पिछले हफ्ते ही कांग्रेस ने अपनी वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित को खोया था, ऐसे में एक हफ्ते में दूसरे बड़े नेता का यूं चले जाना उसके लिए बहुत बड़ी क्षति है।
जयपाल रेड्डी का निधन
रेड्डी के निधन पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गहरा शोक व्यक्त किया है और उनकी आत्मा की शांति के लिए ऊपरवाले से प्रार्थना की है। इससे पहले कांग्रेस पार्टी और पूर्व वित्तमंत्री पी चिंदबरम ने भी रेड्डी के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। तो वहीं पीएम मोदी ने रेड्डी के निधन पर शोक जताते हुए रेड्डी को प्रभावी एडमिनिस्ट्रेटर कहा है और उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
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पीएम मोदी ने रड्डी को बताया-प्रभावी प्रशासक
आपको बता दें कि जयपाल रेड्डी का जन्म 16 जनवरी 1942 को हैदराबाद के मदगुल में हुआ था, अब यह तेलंगाना राज्य के अंतर्गत आता है, उनके परिवार में एक बेटी और 2 बेटे हैं. जयपाल रेड्डी तेलगू राजनीति में दिग्गज नेता माने जाते रहे हैं. अविभाजित आंध्र प्रदेश में वे 4 बार विधायक रह चुके हैं, वहीं 5 बार वे सांसद चुने गए थे।
राहुल गांधी ने भी जताया शोक
जयपाल रेड्डी 1998 में इंद्र कुमार गुजरात की सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री थे। 2009 में वह चेवेल्ला लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। जयपाल रेड्डी का जन्म 16 जनवरी 1942 में हैदराबाद के मदगुल में हुआ था। उन्होंने 7 मई 1960 में लक्ष्मी से विवाह किया था उनके दो बेटे और एक बेटी है।
कांग्रेस में शोक की लहर
जयपाल रेड्डी 1969 से 1984 के बीच आंध्र प्रदेश के कलवाकुर्ती से चार बार विधायक रह चुके थे। आपातकाल में उन्होंने कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया था और 1977 में जनता पार्टी में शामिल हो गए थे, उन्होंने इंदिरा गांधी के खिलाफ आंदोलन छेड़ रखा था। जयपाल रेड्डी ने 1980 में इसी संसदीय क्षेत्र से इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उन्हें हार मिली थी।
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