रंजन गोगोई को माननीय सदस्य बनाए जाने पर क्या बोले ओवैसी
नई दिल्ली। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर निशाना साधा है। उन्होंने इसपर सवाल उठाते हुए कहा है कि क्या ये की गई मदद का ईनाम है। ओवैसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने लिखा, 'क्या ये की गई मदद का ईनाम है? लोगों को जजों की स्वतंत्रता पर भरोसा कैसे रहेगा? बहुत से सवाल हैं।'
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17 नवंबर को सेवानिवृत हुए थे गोगोई
बता दें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को रंजन गोगोई का नाम राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। गोगोई 17 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत हुए थे। सेवानिवृत होने से पहले उन्हीं की अध्यक्षता वाली पीठ ने अयोध्या मामले सहित अन्य महत्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाया था। रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी सवाल उठाए हैं।
कपिल सिब्बल ने साधा निशाना
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने इस मामले में मंगलवार को कहा कि गोगोई न्यायपालिका और खुद की ईमानदारी से समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे। कपिल सिब्बल ने ट्वीट करते हुए कहा, 'न्यायमूर्ति एच आर खन्ना अपनी ईमानदारी, सरकार के सामने खड़े होने और कानून का शासन बरकरार रखने के लिए याद किए जाते हैं।' सिब्बल ने आगे लिखा, 'न्यायमूर्ति रंजन गोगोई राज्यसभा जाने की खातिर सरकार के साथ खड़े होने और सरकार एवं खुद की ईमानदारी के साथ समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे।'
शशि थरूर ने क्या कहा?
वहीं कांग्रेसी सांसद शशि थरूर ने ट्वीट किया है, 'जजों के रिटायरमेंट के बाद उन्हें कोई पद दिए जाने पर पूर्व कानून मंत्री अरुण जेटली और पूर्व बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी के पुराने बयान पर गौर किया जाना चाहिए। बीजेपी के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा ने लिखा है, 'मुझे उम्मीद है कि पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई राज्यसभा सीट की पेशकश को ठुकरा देंगे अन्यथा वह न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाएंगे।'
Is it “quid pro quo”?
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 16, 2020
How will people have faith in the Independence of Judges ? Many Questions pic.twitter.com/IQkAx4ofSf
रंजन गोगोई को राज्यसभा भेजे जाने पर उठे सवाल, थरूर ने पुराने बयानों की दिलाई याद