RBI की क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान: रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आम बजट पेश होने के बाद आज अपनी मौद्रिक नीति का ऐलान कर दिया है। आरबीआई ने अपने नई मौद्रिक नीति का ऐलान करते हुए रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट पहले की ही तरह 6 और रिवर्स रेपो रेट 5.75 ही रहेगा। आरबीआई की मौद्रिक नीति के ऐलान से पहले ही कयास लगाए जा रहे थे कि वह रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई खास बदलाव नहीं करेगा। ऐसे में ईएमआई की दरों में कमी की लोगों की उम्मीदों को झटका लगा है।
आरबीआई के सामने मुश्किल चुनौती
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया वैश्विक बाजार में उथल-पुथल के बीच आज मौद्रिक नीति का ऐलान किया है, ऐसे में माना जा रहा था कि आरबीआई रेपो रेट में कमी कर सकता है लेकिन आरबीआई ने ऐसा नहीं किया है। वहीं रिवर्स रेपो रेट पहले की ही तरह5.75 है।
आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7.2 फीसदी
आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने मौद्रिक नीति का ऐलान करते हुए कहा कि जीएसटी अब स्थिर हो रहा है, लोगों की आर्थिक गतिविधियां बढ़ रही हैं, जिसके चलते निवेश में सुधार के संकेत लगातार मिल रहे हैं। आरबीआई ने 2017-18 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.7 से घटाकर 6.6 फीसीद कर दिया है। साथ ही अगले वर्ष 2018-19 में आर्थिक वृद्धि दर के 7.2 फीसदी तर रहने का अनुमान जताया है।
इस वर्ष के अंत में हो सकती है बढ़ोतरी।
रायटर्स के पोल के अनुसार 35 में से 14 विशेषज्ञों का मानना था कि आरबीआई इस वर्ष के अंत में रेट में बढ़ोतरी करेगा। लेकिन ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर कैसे आरबीआई इस वित्तीय वर्ष में विकास को 6.7 फीसदी तक पहुंचाएगा, जोकि पिछले तीन वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है, हाालंकि अभी आरबीआई का रुख साफ नहीं है। आपको बता दें कि आरबीआई ने रेपो रेट को पिछले वर्ष 25 प्वाईंट कम करके 6.0 कर दिया था। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार आरबीआई रेपो रेट में बढ़ोतरी नहीं करेगा, साथ ही अर्थव्यवस्था की रफ्तार को तेज करने के साथ रोजगार को बढ़ाने पर अपना ध्यान रखेगा। साथ ही आरबीआई वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी अपनी मौद्रिक नीति में ध्यान रखेगा।