आरबीआई ने प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग को लेकर जारी की नई गाइडलाइन, कहा- समावेशी विकास के लिए बदलाव
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग (पीएसएल) से जुड़ी नई गाइडलाइन जारी की है। आरबीआई ने शुक्रवार को पीएसएल से जुड़े संशोधित दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि देश की की जरूरतों और समावेशी विकास को ध्यान में रखते हुए दिशा-निर्देशों में संशोधन किया गया है। सभी संबंधित पक्षों से काफी विचार-विमर्श के बाद ये नई गाइडलाइन जारी की गई हैं।
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केंद्रीय बैंक ने कहा है कि गाइडलाइन को संशोधित करने से पहले तमाम हितधारकों की राय ली है। नई गाइडलाइन में फ्रेंडली लेंडिंग पॉलिसी पर जोर दिया गया है। इसका मकसद लंबी अवधि के विकास लक्ष्यों को हासिल करना है। आरबीआई ने कहा है कि पीएसएल से जुड़े नए दिशा-निर्देशों में प्रायोरिटी सेक्टर के तहत ऋण दिए जाने में क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने की कोशिश की गई है। जिन जिलों में प्रायोरिटी सेक्टर के तहत दिए जाने वाले कर्ज का फ्लो अपेक्षाकृत रूप से कम है, उन्हें ज्यादा वेटेज दिया गया है।
पीएसएल से जुड़े नए दिशा-निर्देशों में प्रायोरिटी क्षेत्र के तहत वित्त के लिए स्टार्टअप्स (50 करोड़ तक) के लिए बैंक फाइनेंस, सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए किसानों को ऋण और बायोगैस संयंत्रों की स्थापना के लिए कृषि पंप और ऋण योग्य हैं। आयुष्मान भारत के तहत क्रेडिट भी डबल कर दिया गया है।
रिजर्व बैंक की ओर से कहा गया है कि छोटे सीमांत किसानों और आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों के लिए तय लक्ष्य को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जा रहा है। इससे छोटे व सीमांत किसानों और कमजोर तबके को बांटे जाने वाले कर्ज का लक्ष्य बढ़ाने का फैसला भी किया है। आरबीआई के इस फैसले के बाद छोटे व सीमांत किसानों और समाज के कमजोर व वंचित तबके को बैंक से आसानी से लोन मिल सकेगा। बता दें कि आरबीआई ने बीते महीने ने र्स्टाअप को प्रायॉरिटी सेक्टर लेंडिंग में शामिल किया था।