RBI की रिपोर्ट के बाद शिवसेना ने नोटबंदी को बताया बड़ा अपराध, संसद में चर्चा की मांग की
नई दिल्ली। आरबीआई की ओर से नोटबंदी के बाद नोटों का आधिकारिक आंकड़ा बुधवार को जारी किए जाने के बाद मोदी सरकार विरोधियों के निशाने पर आ गई है। इसी बीच शिव सेना के नेता संजय राउत ने कहा है कि डिमोनेटाइजेशन पर आरबीआई की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। नोटबंदी के समय ऐसे बहुत से लोग थे जिनको बैंकों की कतार खड़े-खड़े अपनी जिंदगी गंवानी पड़ी। यह एक बड़ा अपराध है। शिव सेना आरबीआई की इस रिपोर्ट पर संसद में चर्चा की मांग करती है। इससे पहले कांग्रेस ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए सवाल किया है कि क्या पीएम झूठ बोलने के लिए माफी मांगेंगे।
बता दें कि आरबीआई ने बुधवार को बताया कि नोटबंदी के बाद चलन से बाहर हुए 500 और 1000 के पुराने नोटों में से 99.30 प्रतिशत नोट बैंकों में वापस आ गए हैं। आरबीआई ने 2017-18 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि उसने बैंकों में वापस आए पुराने नोटों की गिनती पूरी कर ली है। नोटबंदी के समय मूल्य के हिसाब से 500 और 1000 रुपए के कुल 15.41 लाख करोड़ रुपए के नोट चलन में थे। जिसमें से 15.31 लाख करोड़ रुपए के नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं।
RBI report on #Demonetisation is shocking. Many people had died while waiting in queues, it's a big crime. Shiv Sena demands discussion on this report in Parliament: Sanjay Raut, Shiv Sena pic.twitter.com/vraXb5lElK
— ANI (@ANI) August 30, 2018
8
नवंबर
2016
को
पीएम
ने
किया
था
नोटबंदी
का
ऐलान
केंद्र
की
सत्ता
में
आने
के
बाद
मोदी
सरकार
ने
बड़ा
फैसला
लेते
हुए
8
नवंबर
2016
को
पूरे
देशभर
में
नोटबंदी
का
ऐलान
किया।
इस
ऐलान
के
बाद
से
पूरे
देश
में
500
और
1000
रुपए
नोट
चलन
से
बाहर
हो
गए
थे।
इसके
बाद
सरकार
ने
लोगों
को
पुराने
नोट
बैंक
में
जमा
कराने
के
लिए
50
दिन
का
समय
दिया
था।
वहीं
पुराने
नोट
बंद
होने
के
बाद
500
और
2000
के
नए
नोट
बाजार
में
आए।
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